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प्रोजेक्ट नूर के बाद ईरान ने असहमति को दबाने के लिए पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के सिम कार्ड को किया ब्लॉक: शारघ

Published by
Kuldeep singh

ईरान में इस्लामिक कट्टरपंथ है कि रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वहां की कट्टरपंथी सरकार लगातार असहमति के खिलाफ उठने वाली आवाजों दबाने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में इस बार वहां पर कई पत्रकारों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के सिमकार्ड को ब्लॉक कर दिया है। बताया गया है कि ये कार्रवाई हाल के सुरक्षा एजेंसियों के आदेश पर किया गया है।

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ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमीर नाम के एक पत्रकार ने इस विषय पर एक लंबे लेख में शारघ को बताया कि उनका सिम कार्ड डिएक्टिवेट हो गया है। इसलिए, अब वो किसी भी तरह का इमरजेंसी कॉल भी नहीं कर पा रहा है। इसके साथ ही उसने बताया कि उसे बिना किसी स्पष्टीकरण के बंद कर दिया गया है।

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अमीर ने कहा कि उन्होंने (सरकार) मेरी पिछली गिरफ्तारियों और सीमित सियासी गतिविधियों का जिक्र करते हुए मुझे बताया कि मुझसे संपर्क किया जा सकता है और मुझे एक प्रतिबद्धता पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि इसमें एक माह तक का समय लग सकता है। अमीर का कहना है कि सरकार ने बैंकिंग सहित उनकी सभी डिजिटल सेवाएं बंद कर दी गई हैं, जिससे उनका दैनिक जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।

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बताया जाता है कि यह तब हुआ जब ईरान इंटरनेशनल ने महसा अमिनी की मृत्यु की पहली वर्षगांठ के आसपास सुरक्षा उपायों को तेज करने की जरूरत है।

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