नई दिल्ली । वैश्विक आतंकवाद और मनी लॉन्डरिंग के खिलाफ काम करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में भारत की आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्डरिंग से निपटने की प्रणाली की सराहना की है। FATF ने भारतीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई कार्रवाई की भी विशेष रूप से प्रशंसा की है।
FATF की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से अक्टूबर 2023 के बीच ईडी ने 16,537 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत की प्रणालियां प्रभावी हैं, हालांकि इन मामलों में अभियोजन को और मजबूत करने के लिए कुछ सुधारों की जरूरत है। 368 पेज की यह रिपोर्ट जून 2023 में आयोजित पूर्ण बैठक में मूल्यांकन के बाद जारी की गई।
भारत की मनी लॉन्डरिंग और आतंकवाद वित्तपोषण प्रणाली पर एफएटीएफ का आकलन
FATF का मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित है। भारत की मनी लॉन्डरिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने की व्यवस्था की पिछली समीक्षा 2010 में प्रकाशित हुई थी। इस बार की रिपोर्ट में भारत को ‘रेगुलर फॉलोअप’ श्रेणी में रखा गया है, जो केवल चार अन्य जी-20 देशों को ही प्राप्त है। इस श्रेणी में होना बताता है कि भारत की नीतियां और तंत्र मजबूत हैं।
रिपोर्ट को जारी करने से पहले, पिछले साल नवंबर में FATF के विशेषज्ञों ने भारत का दौरा किया था और विभिन्न एजेंसियों के साथ चर्चा की थी। इस रिपोर्ट में भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की प्रशंसा की गई है, जो मनी लॉन्डरिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने में अग्रणी रही है।
विपक्ष के आरोपों के बीच ईडी की भूमिका पर प्रशंसा
ईडी की जिन कार्रवाइयों की सराहना FATF ने की है, उन पर भारतीय विपक्ष ने कई बार सवाल उठाए हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि ईडी विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाकर राजनीतिक उद्देश्यों के तहत कार्रवाई कर रही है। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भी ईडी की जांचों का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते सिसोदिया लंबे समय तक जेल में रहे थे।
ईडी के खिलाफ विपक्ष के विरोध के बावजूद, FATF की रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि भारत की टेरर फंडिंग और मनी लॉन्डरिंग से निपटने की प्रणाली मजबूत और प्रभावी है। इससे भारत की वैश्विक स्तर पर छवि और मजबूत हुई है।
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