नई दिल्ली। फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने भारत सरकार को चेतावनी देते हुए एक रिपोर्ट जारी की। जारी रिपोर्ट के अनुसार, वामपंथी उग्रवादी समूह भारत सरकार को सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही भारत में आतंकवादी वित्तपोषण का खतरा भी बढ़ रहा है।
एफटीएफ द्वारा जारी ‘म्यूचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट’ के अनुसार भारत को आतंकवाद के कई गंभीर खतरों का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में इन खतरों को छ: विभिन्न क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है। इसमें जम्मू और कश्मीर में सक्रिय इस्लामिक स्टेट (ISIS) और अल-कायदा से जुड़े चरमपंथी समूह के साथ भारत में अन्य अलकायदा सेल, पूर्वोत्तर और उत्तरी भारत में क्षेत्रीय विद्रोह और वामपंथी उग्रवादी समूह आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट में भारत के धन शोधन विरोधी अभियानों की सराहना की गई है। भारत के अधिकारियों ने देश के जोखिमों के प्रति अच्छी समझ दिखाई है। लेकिन, गैर-लाभकारी संगठनों को आतंकवादी दुरुपयोग से बचाने के लिए बड़े सुधारों की जरूरत है। मनी लॉन्ड्रिंग (ML) और आतंकवादी वित्तपोषण (TF) के अभियोजन को मजबूत करने की आवश्यकता है।
एफटीएफ ने कहा कि भारत में धन शोधन के मुख्य स्त्रोत देश के अन्तर्गत अवैध गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं। इस धन को देश में ही या विदेश में शोधित किया जा सकता है। एफएटीएफ ने भारत को नियमित अनुवर्ती श्रेणी में रखा है। इस श्रेणी में केवल कुछ प्रमुख देशों को ही रखा गया है। भारत के अलावा जी 20 के केवल इटली, फ्रांस और ब्रिटेन को ही इस श्रेणी में रखा गया है।
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