नई दिल्ली | बांग्लादेश में हाल ही में तख्तापलट हुआ और मोहम्मद यूनुस की नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने देश की बागडोर संभाली। हालांकि, इसके बावजूद देश में हो रही सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
69 धार्मिक स्थलों पर हुए हमले
4 से 20 अगस्त के बीच बांग्लादेश में 2,000 से अधिक सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं। जिसमें 69 धार्मिक स्थलों पर हमले किए गए और मूर्तियों के साथ तोड़-फोड़ की गई। इन हमलों को दौरान 9 लोगों की जान गई। ओइक्या परिषद के नेता निर्मल रोज़ारियो ने बताया कि इन घटनाओं में 1,705 परिवार सीधे प्रभावित हुए हैं। इन परिवारों में से 34 स्वदेशी समुदाय के थे। इस दौरान कई घरों में आग लगने और संपत्ति लूटने के मामले भी सामने आयी हैं।
निर्मल ने संयुक्त राष्ट्र से इस संबंध में स्वतंत्र जांच की अपील की है। निर्मल ने शनिवार को अपनी मांगों की पूर्ति के लिए राष्ट्रव्यापी विरोध की घोषणा की है। उन्होंने सांप्रदायिक हिंसा को जल्द खत्म करवाने और अपराधियों की गिरफ्तारी की भी मांग की।
सरकार की प्रतिक्रिया
बंग्लादेश अंतरिम सरकार ने कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए सेना को दो महीने के लिए मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की हैं। सरकार ने देश में बढ़ते विध्वंसक कृत्यों को रोकने के लिए यह कदम उठाया है। बंग्लादेश के गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जाहंगीर आलम चौधरी ने इस संबंध में कहा कि इसका लाभ बांग्लादेश के लोगों को मिलेगा।
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