आंध्र प्रदेश

तिरुपति बालाजी के प्रसाद श्रीवारी लड्डू में जानवर की चर्बी, लैब रिपोर्ट आई सामने

Published by
WEB DESK

विजयवाड़ा, (हि.स.)। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि वाईएसआरसीपी शासन के दौरान तिरुमाला लड्डू प्रसादम में पशु की चर्बी (वसा) का उपयोग किया गया था। वहीं, राज्य सरकार की ओर से और तेलुगू देशम पार्टी के प्रवक्ता ने आज शाम एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एनडीडीभी की लैब ने पुष्टि की है कि लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी में पशु वसा था। प्रसाद के नमूने 8 जुलाई 2024 को लैब में भेजे गए और एनडीडीभी लैब रिपोर्ट 17 जुलाई को जारी की गई। रिपोर्ट से साफ है कि गाय के घी में सोयाबीन, अलसी, जैतून, गेहूं की फलियां, मक्का, कपास के बीज के साथ-साथ मछली का तेल, बीफ टैलो, पाम तेल और सूअर की चर्बी शामिल होती है।

आज तेलुगु देशम पार्टी के राज्य प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने सबूतों के साथ साबित किया कि घी की खरीद में कोई गुणवत्ता नहीं देखी गई।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुमाला लड्डू में जानवर की चर्बी होने पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वाईसीपी शासन के दौरान तिरुमाला की पवित्रता भ्रष्ट हो गई थी। उन्होंने कहा कि भक्तों द्वारा सबसे पवित्र माने जाने वाले श्रीवारी लड्डू प्रसाद से लेकर मूर्ति के सामने चढ़ाए जाने वाले नित्यना प्रसाद तक सब कुछ नष्ट कर दिया गया। ऐसा कहा जाता है कि श्रीवारी लड्डू प्रसाद, जिसे शुद्ध गाय के घी का उपयोग करके बनाया जाना चाहिए, में पशु वसा मिलाया गया है। उन्होंने याद दिलाया कि वह इस मुद्दे पर शिकायत दर्ज की गयी थी कि तिरुमाला लड्डू प्रसाद को घटिया बना दिया गया है। कितनी भी शिकायतें की गईं लेकिन श्रीवारी की पवित्रता को नुकसान पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने तिरुमला तिरुपति प्रबंधन से त्वरित कार्रवाई करने की आदेश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार और वर्तमान तिरुमला तिरुपति प्रबंधन के कार्रवाई से अब गुणवत्ता बढ़ गयी है। हम गुणवत्ता को और बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता और हम, सभी भाग्यशाली हैं कि हमारे राज्य में वेंकटेश्वर स्वामी हैं। पूरी दुनिया उसके लिए हमारे पास आ रही है। उस स्थिति में, तिरुमाला की पवित्रता की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है।

Share
Leave a Comment