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दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: दिल्ली प्रवासियों की है, आरक्षण के अधिकार से नहीं होंगे वंचित

by Parul
Sep 19, 2024, 05:21 pm IST
in दिल्ली
दिल्ली है प्रवासियों की

दिल्ली है प्रवासियों की

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नई दिल्ली |  दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी, केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण, प्रवासियों की है और किसी भी श्रेणी के आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति गिरिश कथपालिया की बेंच ने यह टिप्पणी दिल्ली सबऑर्डिनेट सर्विसेज सलेक्शन बोर्ड (DSSSB) द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए की। याचिका में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्राइब्यूनल (CAT) के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें विष्णु कुमार बादेतिया को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ नर्स के पद पर नियुक्ति का हकदार माना गया था।

बादेतिया ने 2009 में अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया था। 2011 में उन्हें सफल घोषित किया गया था, लेकिन उनका नाम अंतिम सूची में नहीं था। इसका कारण उनके जाति प्रमाण पत्र के राजस्थान का होना था। बादेतिया ने अदालत में कहा कि GNCTD द्वारा जारी लेटर के अनुसार, सभी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थी दिल्ली में सिविल पोस्ट्स पर आरक्षण के लाभ के हकदार हैं, चाहे वे कहीं से भी हों। इस संबंध में CAT के द्वारा जारी एक पूर्व आदेश का भी हवाला दिया गया। जिसमें CAT ने कुछ अभ्यर्थियों को अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के तौर पर नियुक्ति दने को कहा था।

दिल्ली हाई कोर्ट का यह निर्णय प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ये भी पढ़े- ‘उस महिला को दिल्ली का CM बनाया जा रहा, जिसका परिवार अफजल गुरु के लिए लड़ा’: स्वाती मालिवाल ने आतिशी पर साधा निशाना

 

Topics: CAT tribunal decisionStaff nurse appointment caseMigrants rights in DelhiDelhi civil posts reservationदिल्ली हाई कोर्ट फैसलाविष्णु कुमार बादेतिया केसMigrants reservation rightsDSSSB caseReservation for SC/ST in DelhiGNCTD reservation policyVishnu Kumar Badetiya case
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