प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात कह चुके हैं। इस दिशा में केंद्र सरकार ने पहला कदम बढ़ा दिया है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ताकि, लोकसभा और विधानसभा के चुनावों को एक ही वक्त पर संपन्न कराया जा सके।
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रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के सूत्रों ने बताया कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विधेयक को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में लोकसभा में पेश किया जा सकता है। बता दें कि कानून और न्याय मंत्रालय के जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है, उसे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय पैनल की समिति की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों पर आधारित है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बार-बार चुनाव आयोजित किए जाने से अनिश्चितता का माहौल बनता है और नीतिगत फैसले बुरी तरह से प्रभावित होते हैं।
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विरोध में उतरी कांग्रेस
हालांकि, कांग्रेस एक देश एक चुनाव के पक्ष में नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का परिकल्पना व्यावहारिक नहीं है। उनका आरोप है कि ऐसा वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है।
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