इस साल मार्च में ही भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ एक संधि हुई है जिसमें कारोबार और अर्थ क्षेत्र में भागीदारी को लेकर दोनों पक्षों ने सहमति जताई है। इसी संधि के अंतर्गत भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश की तैयारी भी हुई है।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपनी विदेश यात्राओं में न सिर्फ भारत की प्रगति को लेकर तथ्यों के साथ बात करते हैं, बल्कि आगे के संभावित कार्यक्रमों और योजनाओं का भी खुलकर खुलासा करते हैं। कूटनीति से जुड़े विषयों पर तो विदेशी विशेषज्ञ भी उनका लोहा मानते हैं, इसलिए विदेशों में होने वाली उनकी अधिकांश प्रेस वार्ताएं दुनियाभर में चर्चा का विषय बनती हैं। दो दिन पहले जयशंकर स्विट्जरलैंड में थे जहां उन्होंने चार देशों के साथ भारत के मुक्त व्यापार करने के लाभ गिनाए।
स्विट्जरलैंड का विदेश मंत्री एस. जयशंकर का दौरा भी महत्वपूर्ण साबित हुआ। उन्होंने वहां स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्री इग्नाजियो डेनियल जियोवानी कैसिस के साथ लंबी चर्चा की जिसमें द्विपक्षीय संबंध और अन्य आयामों पर बात हुई। जयशंकर ने कैसिस के साथ अपनी वार्ता में चार यूरोपीय देशों के गुट (ईएफटीए) के साथ भारत के बीच निर्बाध कारोबार को और आगे ले जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए इसे सबके हित में बताया। यूरोप के चार देशों के इस गुट ईएफटीए में जो देश शामिल हैं, वे हैं स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे तथा लिकटेंस्टीन।
जयशंकर इस वार्ता पर भारत के विदेश विभाग का कहना है कि दोनों विदेश मंत्रियों ने कारोबार एवं निवेश में तेजी लाने के संदर्भ में चार ईएफटीए देशों और भारत के बीच खुले कारोबार और उसके फायदों पर बात हुई है। इसके अलावा अन्य आयामों पर भी विस्तार से बात हुई। भारतीय समुदाय के साथ अपनी बातचीत में भी जयशंकर ने भारत के तेजी से बढ़ते विकास के कदमों तथा उनसे पूरी दुनिया पर आ रहे असर की भी विस्तार से चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि इस साल मार्च में ही भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ एक संधि हुई है जिसमें कारोबार और अर्थ क्षेत्र में भागीदारी को लेकर दोनों पक्षों ने सहमति जताई है। इसी संधि के अंतर्गत भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश की तैयारी भी हुई है।
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