उत्तर प्रदेश के कानपुर और राजस्थान के बाद अब पश्चिम बंगाल में रेलवे को पलटाने की साजिश किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। जहां, सिलीगुड़ी से अलीपुरद्वार को जोड़ने वाले रेलमार्ग पर सेवक और उदलाबाड़ी स्टेशन के बीच मंगपो के पास रेलवे ट्रैक पर लोहे की चादर रख दी गई थी। इस मामले में तीन अपराधियों को मालबाजार इलाके से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, पता चला है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी रेल के परिसरों में चोरी करते थे और रेलवे ट्रैक पर इसलिए रख देते थे, ताकि उसके टुकड़े हो जाएं। जिसके बाद ये चोर इसे अपने साथ आसानी से ले जा सकें।
लोको पायलट की रिपोर्ट पर पकड़े गए आरोपी
बताया जाता है कि सिलीगुड़ी से अलीपुरद्वार को जोड़ने वाले रेलमार्ग पर सेवक और उदलाबाड़ी स्टेशन के बीच मंगपो के पास रेलवे ट्रैक पर लोहे के चादरें रखी हुई थीं। उधर से कामाख्या आनंद विहार एक्सप्रेस उधर रही थी। अचानक लोको पायलट को ट्रेन की पटरी पर लोहे की चादर दिखी। रेल ट्रैक पर लोहे की चादर देखते ही के लोको पायलट ने इसे देखकर ट्रेन रोकी और फिर तुरंत इस घटना की जानकारी आरपीएफ को दी।
बाद में लोको पायलट ने इस घटना को लेकर रिपोर्ट लिखवाई। रिपोर्ट मिलने के बाद जांच करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
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कानपुर और अजमेर में हो चुकी है ऐसी ही वारदात
गौरतलब है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर में कुछ अराजकतत्वों ने कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की साजिश रची थी। पता चला कि कानपुर में एलपीजी सिलेंडर को ट्रेन की पटरी पर रखा गया था। वहीं राजस्थान में एक माह के अंदर तीन पर ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई।
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