भारत में वक्फ कानून में संशोधन पर चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाई गई है और इस पर चर्चा शुरू भी हो गई है। सरकार वक्फ बोर्ड को पारदर्शी बनाकर इसमें मुस्लिम समाज की भागीदारी को बढ़ाना चाहती है। वहीं जाकिर नाइक जैसे जिहादी वक्फ को लेकर भारत के मुसलमानों को भड़काने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। वक्फ कानून को लेकर हमेशा की तरह एक झूठा विमर्श खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने जाकिर नाइक को फटकार लगाई है कि भारत के मुसलमानों को न भड़काएं।
वक्फ कानून में संशोधन को लेकर मुसलमानों से यह कहा जा रहा है कि वक्फ एक्ट में संशोधन कर मुसलमानों के कब्रिस्तान, मस्जिदें और अन्य संपत्तियां छीन ली जाएंगी जबकि यह सरासर झूठ है। दरअसल वक्फ एक्ट में संशोधन की मंशा वक्फ बोर्ड की विसंगतियों को दूर करने की है। इससे वक्फ बोर्ड भ्रष्टाचार और चुनिंदा लोगों के चंगुल से मुक्त हो सकेगा। वक्फ बोर्ड में अभी तक किसी भी मुस्लिम महिला की भागीदारी नहीं थी। इस संशोधन के तहत महिलाओं को भी बोर्ड में शामिल किए जाने की बात कही जा रही है। इन सुधारों से वक्फ बोर्ड पारदर्शी और जवाबदेह तो बनेगा ही, उसमें समान प्रतिनिधित्व भी होगा।
नाइक ने उगला जहर
वक्फ एक्ट पर संशोधन के खिलाफ भगोड़े जाकिर नाइक ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी किए हैं। मुसलमानों को भड़काने के लिए उसने कहा, ‘सरकार पहले की तरह ताकतवर नहीं है, विपक्ष मजबूत है। मुसलमान अपने-अपने हक की लड़ाई लड़ें और इस विधेयक को खारिज करें। वक्फ की संपत्ति पर केवल मुसलमानों का हक है। अगर यह विधेयक पारित हो गया तो हम सभी और आने वाली पीढ़ियों पर खुदा का कहर बरपेगा। वक्फ एक्ट में संशोधन न हो, इसके लिए कम से कम 50 लाख मुसलमानों को साथ आना होगा। यह भारत के मुसलमानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे वक्फ एक्ट में संशोधन का विरोध करें। वक्फ सार्वजनिक संपत्ति नहीं है। यह निजी संपत्ति है। भाजपा सरकार मुसलमानों की संपत्ति हड़पने की कोशिश कर रही है। भाजपा मुस्लिम विरोधी है।’
रिजिजू का जवाब
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कट्टरपंथी जाकिर नाइक को सोशल मीडिया पर फटकार लगाते हुए कहा, ‘कृपया हमारे देश के मासूम मुसलमानों को गुमराह न करें। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोगों को अपनी राय रखने का अधिकार है। झूठे प्रचार और गलत बयानबाजी से झूठा विमर्श खड़ा होगा। मुसलमानों का हक कोई नहीं छीन रहा।
समाज के हित में है संशोधन
दिल्ली हज समिति की अध्यक्ष कौसर जहां कहती हैं, ‘वक्फ बोर्ड को कुछ लोग अपने हिसाब से चला रहे हैं। एक्ट में संशोधन मुसलमानों के हित में, पारदर्शिता बनाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यही मंशा है कि मुस्लिम समाज के पिछड़े से पिछड़े वर्ग तक को लाभ मिले। भाजपा नीत राजग सरकार से पहले की सरकारों ने मुसलमानों के हित में इस तरह से कभी नहीं सोचा। मुसलमानों के लिए जो भी सुधार हुए हैं, मोदी सरकार में ही हुए हैं। मुसलमानों के लिए भाजपा की सरकार ने गहराई से सोचा है। योजनाओं में यह नहीं देखा जाता है कि कोई हिंदू या फिर मुसलमान। मोदी सरकार का कार्यकाल मुस्लिम समाज की महिलाओं के लिए स्वाति नक्षत्र के समान है।
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