मोबाइल फोन और सिम कार्ड आज के दौर में हमारे दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं। स्मार्टफोन के बिना एक दिन भी बिताना अब असंभव सा लगता है। अधिकतर लोग अपनी सुविधा के अनुसार एक से अधिक सिम कार्ड रखते हैं, खासकर तब जब वे अलग-अलग नेटवर्क का उपयोग करना चाहते हैं या पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग रखना चाहते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि मल्टीपल सिम कार्ड रखना आपको जेल तक पहुंचा सकता है और इसके लिए आपको 2 लाख रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है?
टेलीकॉम सेक्टर में हो रहे फ्रॉड और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार ने टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 लागू किया है, जो सिम कार्ड उपयोगकर्ताओं पर कई सख्त नियम और शर्तें लगाता है। इन नियमों का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 के तहत कौन-कौन से नियम लागू किए गए हैं और कैसे सिम कार्ड का दुरुपयोग आपको बड़ी मुश्किल में डाल सकता है।
टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 के अनुसार, पूरे देश में एक व्यक्ति अधिकतम 9 सिम कार्ड रख सकता है। यह नियम पूरे भारत में समान रूप से लागू है, लेकिन कुछ राज्यों में यह सीमा अलग है। उदाहरण के लिए:
जम्मू-कश्मीर, असम, और नॉर्थ ईस्ट लाइसेंस्ड सर्विस एरिया में यह सीमा 6 सिम कार्ड तक सीमित है।
यह नियम इसलिए लागू किया गया है ताकि लोग सिम कार्ड का सही तरीके से उपयोग करें और किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड या अवैध गतिविधियों को अंजाम देने से रोका जा सके।
अगर कोई व्यक्ति तय सीमा से ज्यादा सिम कार्ड रखता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। पहली बार नियम तोड़ने पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। लेकिन यदि इसके बाद भी व्यक्ति नियम का उल्लंघन करता है, तो जुर्माना बढ़कर 2 लाख रुपये तक हो सकता है।
टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 में फर्जी आईडी पर सिम कार्ड लेने पर भी सख्त सजा का प्रावधान है। अगर किसी को फर्जी आईडी या दस्तावेज के आधार पर सिम कार्ड लेने का दोषी पाया जाता है, तो उस पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या तीन साल तक की जेल हो सकती है, या फिर दोनों सजा भी दी जा सकती है।
इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सिम कार्ड का उपयोग केवल सही और सत्यापित उपयोगकर्ताओं द्वारा ही किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।
नए कानून के तहत टेलीकॉम ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक व्यक्ति के नाम पर जारी सिम कार्ड की संख्या नियंत्रित हो। उन्हें लगातार नजर रखनी होगी कि किसके नाम पर कितने सिम कार्ड एक्टिव हैं।
अगर किसी उपयोगकर्ता के नाम पर फर्जी तरीके से सिम कार्ड जारी होता है या उसका इस्तेमाल किया जा रहा है, तो इसके लिए उपयोगकर्ता टेलीकॉम ऑपरेटर या Department of Telecommunications (DoT) से शिकायत कर सकता है। यह प्रक्रिया अब और भी आसान हो गई है।
DoT ने इस समस्या के समाधान के लिए संचार साथी पोर्टल लॉन्च किया है, जहां कोई भी व्यक्ति आसानी से यह जांच कर सकता है कि उसके नाम पर कितने सिम कार्ड जारी किए गए हैं।
Leave a Comment