कर्णावती: पवन ऊर्जा उत्पादन में गुजरात पूरे देश में प्रथम क्रम का राज्य बन गया है। पूरे देश में पवन ऊर्जा यानि विंड एनर्जी के क्षेत्र में 31 जुलाई-2024 तक 47,075.43 मेगावाट क्षमता वाली पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं। जिसमें गुजरात 12,132.78 मेगावाट से अधिक की क्षमता के साथ देश में पहले स्थान पर है, जो देश के कुल उत्पादन का लगभग 25.8 प्रतिशत है। गुजरात ने इस क्षेत्र में एक विशेष उपलब्धि हासिल की है।
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गुजरात की इस सफलता के बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए क्लाइमेट चेंज विभाग के मंत्री मुलुभाई बेरा ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में गुजरात पवन ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। इतना ही नहीं, बल्कि गुजरात ने पवन ऊर्जा के क्षेत्र में कई पुरस्कार और उपलब्धियां भी हासिल की हैं।
इससे पहले 2021-22 और 2022-23 में ‘एसोसिएशन ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी एजेंसी ऑफ स्टेट्स-एरिया’ द्वारा, 2021-22 में ‘नेशनल विंड एनर्जी इंस्टीट्यूट-NIWE’ द्वारा और 2023-24 में मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी-MNRE द्वारा राज्य में सर्वाधिक पवन ऊर्जा स्थापित क्षमता हासिल करने के लिए चार अलग-अलग पुरस्कार दिए गए। उन्होंने कहा कि साल 2030 तक गुजरात सरकार ने पारंपरिक रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में 100 गिगावोट की क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। गुजरात सरकार ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा समन्वित किए जाने के दौरान कई योजनाओं को लागू किया है।
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जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री मुकेश पटेल ने कहा कि 1,600 किमी की अधिकतम लंबाई वाली तटरेखा, विशाल मैदान और सरल भूमि प्रदेश के कारण गुजरात पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए एक आदर्श स्थान रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए वर्ष 1993-94 में राज्य में देश की पहली ‘पवन ऊर्जा नीति’ घोषित की गई। वहीं, वर्तमान में छठी नीति यानी ‘गुजरात नवीकरणीय ऊर्जा नीति-2023’ लागू है।
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