कोलकाता रेप केस के मामले में डॉक्टरों के विरोध को दबाने के लिए प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों के साथ एक बैठक ऑर्गनाइज की। लेकिन, डॉक्टरों ने उस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। उन्होंने कहा कि वह लोगों की खातिर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
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उन्होंने कहा कि हम दो घंटे से अधिक समय से इंतजार कर रहे हैं। वह कहती हैं कि मैं भी चाहती हूं कि पीड़ितों को न्याय मिले, लेकिन ये कोई तरीका नहीं हो सकता। अपना दुखड़ा रोते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि पिछले 33 दिनों में बहुत सारी झूठी बातें और अपमान सहा है। मुझे लगा था कि मरीजों की खातिर मानवीय आधार पर जूनियर डॉक्टर मानवीय आधार पर बात करेंगे।
ममता बनर्जी ने बताया है कि जूनियर डॉक्टरों द्वारा जारी ‘काम बंद’ के कारण करीब 27 मरीजों की मौत हो गई है और करीब 7 लाख लोग पीड़ित हैं। उनका कहना है कि डॉक्टरों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद काम पर वापस आना चाहिए। हालांकि, ममता बनर्जी के इमोशनल अत्याचार पर जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उन लोगों ने कभी भी मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग नहीं की। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल सरकार पर अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
डॉक्टरों का कहना है कि मुख्यमंत्री की टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम लोग चाहते थे कि हमारी बातचीत हो। राज्य प्रशासन बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं होने देना चाहता। हमारी मांगे पूरी तरह से जायज हैं। जबकि, डॉक्टरों का कहना था कि हम पारदर्शिता के लिए लाइव स्ट्रीमिंग चाहते थे।
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गौरतलब है कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के रेप और हत्या के बाद कोलकाता पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। पीड़िता के पिता ने हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया था।
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