रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लॉदिमीर पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन के साथ युद्ध को केवल पीएम नरेंद्र मोदी ही रुकवा सकते हैं। इस बात सच साबित करने के लिए भारत ने कोशिशें भी शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल रूस के दौरे पर गए हैं, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूत के तौर पर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगू से सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात की।
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इस मौके पर डोभाल ने शोइगू के साथ यूक्रेन युद्ध का समाधान ढूंढने को लेकर मंथन किया। डोभाल ने रूस को भारत की भूमिका के बारे में भी बताया। रूस में ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों का सम्मेलन हो रहा था। इसी सम्मेलन के बाद शोइगू और डोभाल के बीच बैठक हुई। उल्लेखनीय है कि एनएसए डोभाल की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद हुई है। करीब ढाई साल सप्ताह पहले अपनी यूक्रेन की यात्रा के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यूक्रेन और रूस को अपना समय बर्बाद किए बगैर बैठकर चल रहे युद्ध को समाप्त करना चाहिए।
पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से स्पष्ट किया कि भारत युद्ध की शुरुआत से ही शांति का पक्षधर रहा है और वह इस संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यक्तिगत रूप से भी योगदान देना चाहिए। 1991 के बाद पहली बार भारत के किसी प्रधानमंत्री ने यूक्रेन की यात्रा की थी।
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गौरतलब है कि हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि भारत, ब्राजील औऱ चीन को संभावित मध्यस्थों के रूप में नॉमिनेट किया था। उन्होंने कहा था, भारत, चीन और ब्राजील ये वो देश हैं, जिनके संपर्क में मैं हमेशा रहा था। मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इन देशों के नेता वास्तव में रुचि लेंगे और इस दिशा में मदद करेंगे। उल्लेखनीय है कि व्लॉदिमीर जेलेंस्की इस वर्ष के अंत तक भारत की यात्रा पर आ सकते हैं।
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