उत्तराखंड

सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी रेलवे जमीन अतिक्रमण मामले में पात्र लोगों के लिए धामी सरकार को पुनर्वास प्रस्ताव लाने को कहा

मामले में सुप्रीम कोर्ट अगले दो माह में फिर से सुनवाई करेगा।

Published by
दिनेश मानसेरा

हल्द्वानी रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को मामले में दो माह के अंदर ठोस प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने इससे प्रभावित होने वाले लोगों के पुनर्वास पर भी विचार करने का भी निर्देश दिया है।

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मामले में सुप्रीम कोर्ट अगले दो माह में फिर से सुनवाई करेगा। मामले में सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार ने कहा कि रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में केंद्र के साथ संयुक्त बैठक की गई और सर्वेक्षण किया गया। इस सर्वे के दौरान ऐसे 4500 परिवारों की पहचान की गई है। इसके साथ ही इन लोगों की पुनर्वास नीतियों पर विचार किया जा रहा है। विस्थापित होने वाले लोगों के पुनर्वास के लिए अभी तक 40 हेक्टेयर जमीनों की पहचान की गई है।

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सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कहा कि इस मामले को एक बार में करने की बजाय इसे चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है और अगर बाढ़ को रोका जाता है, तो इससे सभी निवासियों को लाभ होगा। इससे पहले पिछली सुनवाई में रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि ट्रैक और स्टेशन विस्तार के लिए तुरंत ज़मीन की ज़रूरत है। SC ने रेलवे, उत्तराखंड और केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि अधिग्रहण के लिए ज़मीन और उससे प्रभावित परिवारों की पहचान करने के निर्देश दिए थे।

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