गणेश चतुर्थी की शुरुआत से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में गणेश प्रतिमाओं पर हमले किए जा रहे हैं। अभी सूरत और कच्छ में गणेश प्रतिमाओं पर हमले का मामला अभी भी शांत नहीं हुआ था कि कर्नाटक के मांड्या से भी ऐसी ही घटना प्रकाश में आई है। मांड्या में गणेश विसर्जन के दौरान कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दुओं के जुलूस में पत्थरबाजी की गई।
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क्या है पूरा घटनाक्रम
ये पूरा घटनाक्रम कुछ यूं है कि गणेश चतुर्थी की समाप्ति के बाद विसर्जन के दौरान मांड्या के बदरिकोप्पलु गांव के युवक गणेश विसर्जन के लिए जुलूस निकाल रहे थे। हिन्दुओं का जुलूस जैसे ही मागमंगला में मुख्य सड़क के पास स्थित एक मस्जिद के सामने से गुजरने लगता है तो अचानक से कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी उस पर पथराव शुरू कर देते हैं। खुद को बचाने के लिए लोगों ने भी प्रतिक्रिया दी और दोनों ही पक्षों में झड़प हो गई।
घटना के बाद हिन्दुओं ने थाने में जाकर प्रदर्शन किया और इसके लिए जिम्मेदार अराजक तत्वों की गिरफ्तारी की मांग की। हिन्दुओं ने सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में आज नागमंगला बंद का आह्वान किया है। इस बीच केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारास्वामी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि जिस तरह से एक समूह ने जानबूझकर भगवान गणपति की शोभायात्रा में शांतिपूर्वक चल रहे भक्तों को निशाना बनाते हुए पत्थर और चप्पल फेंके, पेट्रोल बम फोड़े और तलवार लहराईं। यह शहर में शांति और व्यवस्था की असफलता का प्रमाण है।
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बहरहाल, इस कट्टरपंथी मुस्लिमों की इस हरकत को लेकर मांड्या के एसपी का कहना है कि फिलहाल हालात काबू में है। माहौल को देखते हुए इलाके में धारा 163 लागू की गई है।
कच्छ में भी हो चुकी है ऐसी ही वारदात
गुजरात में पिछले तीन दिन में चौथी बार शांति भंग करने के प्रयास किए गए हैं। सबसे पहले सूरत, बड़ौदा और भरूच और अब कच्छ में सूरत पैटर्न अपनाया गया। कच्छ में भी तीन बच्चों ने गणेशजी की मूर्ति पर पत्थर फेंककर उसे खंडित करने का प्रयास किया और पास के मंदिर पर हरा झण्डा भी फहराया। इस घटना में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
कच्छ के नखत्रणा तालुका के कोटड़ा जड़ोदर गांव में 10 सितंबर की देर रात सूरत पैटर्न से ही शांति भंग का प्रयास किया गया। गांव में गणेश पंडाल में चार मुस्लिम बच्चों ने गणेशजी की मूर्ति पर पथराव कर उसे नुकसान पहुंचाया, जिसके चलते गणपति की सूंड खंडित हो गई। इसे फिर से जोड़ा गया। इसके अलावा एक हिन्दू मंदिर पर हरे रंग का झण्डा भी फहराया गया।
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