वाराणसी । आज ज्ञानवापी प्रकरण में 1991 के मुकदमे में हिंदू पक्ष द्वारा एएसआई सर्वे करने की मांग पर सुनवाई पूरी कर ली गई। हिंदू पक्ष द्वारा यह जोर देकर कहा गया कि बिना खुदाई के सर्वे संपूर्ण नहीं हो पाएगा। पांच वादनी महिलाओं के केस में की गई एएसआई सर्वे की खामियों को भी हिन्दू पक्ष द्वारा उजागर किया गया। हिन्दू पक्ष द्वारा एएसआई को खुदाई के माध्यम से भी सर्वे करने की मांग की गई। इस सम्बन्ध में न्यायालय से आदेश निर्गत करने का निवेदन किया गया। न्यायालय ने सुनवाई के लिए 18 सितंबर की तारीख दी है। अगली सुनवाई पर मुस्लिम पक्ष न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखेगा।
1991 के मुख्य मुकदमे लार्ड आदि विशेश्वर में परिसर में शिवलिंग होने का दावा किया गया है। श्रृंगार गौरी मामले को लेकर परिसर का एएसआई सर्वे हो चुका है लेकिन वाद मित्र अभी इस सर्वे को अधूरा बता रहे हैं। उनका कहना है सर्वे में विधिवत मशीनों का प्रयोग नहीं किया गया है। खोदाई भी नहीं हुई है जबकि यहां पर खोदाई के बाद अवशेषों की तलाश किया जाना आवश्यक है. इसके साथ ही परिसर का बड़ा क्षेत्र इस वैज्ञानिक सर्वे से अभी भी अछूता है. इसलिए वैज्ञानिक तकनीक से मशीनों और खुदाई के जरिए पूरी तरह से सर्वे होना जरूरी है, ताकि साक्ष्य जुटाए जा सकें.
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