बलौदाबाजार/रायपुर,(हि.स.)। बलौदाबाजार आगजनी, हिंसा मामले में गिरफ्तार कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की जमानत अर्जी को सीजेएम न्यायालय बलौदाबाजार ने मंगलवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि आरोपित को जमानत पर छोड़े जाने की शक्ति इस न्यायालय को नहीं है।
ज्ञात हो कि बलौदा बाजार पुलिस ने देवेंद्र यादव के खिलाफ धारा 153A, 501(1), 505(1)(B), 501(1)(C), 109, 120 B, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 307, 435, 436, 341, 427 भादवि और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 की धारा 03, 04 के तहत सीटी कोतवाली में एफआईआर दर्ज की है।
सोमवार को विधायक यादव के अधिवक्ता अनादि शंकर मिश्रा ने न्यायालय में तर्क दिया था कि पुलिस ने बलौदा बाजार हिंसा, तोड़फोड़ आगजनी मामले में दर्ज 13 प्रकरणों में से 12 में चालान पेश कर चुकी है और वो सिर्फ विधायक के खिलाफ जानबूझकर इस एक प्रकरण में राजनीतिक द्वेष के कारण चालान प्रस्तुत करने में देरी की जा रही है।उन्होंने कहा था कि पुलिस के पास विधायक यादव के खिलाफ कोई साक्ष्य और सबूत नहीं है।इस प्रकरण में विलंब करके मात्र विधायक के खिलाफ साक्ष्य और सबूत गढ़ा जा रहा है।सोमवार को जमानत की अर्जी की सुनवाई के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा था ।
बलौदाबाजार में आगजनी, हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में पूछताछ के लिए कई बार नोटिस जारी करने के बाद बलौदा बाजार पुलिस की एसआईटी टीम ने 17 अगस्त को भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को गिरफ्तार किया था। विधायक की जमानत अर्जी सीजीएम अजय कुमार खाखा ने आज खारिज कर दी। सोमवार को न्यायालय ने 17 सितंबर तक विधायक की न्यायिक हिरासत बढ़ाई थी।अब तक विधायक यादव की 4 बार न्यायिक रिमांड बढ़ाई जा चुकी है।
पहली बार न्यायालय में पेश किए जाने पर न्यायालय ने उन्हें तीन दिनों (20 अगस्त) के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। तब से देवेंद्र यादव रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
इस घटना में 12.53 करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति का नुकसान होने का आंकलन किया गया था। इसी तरह से 240 सरकारी और निजी वाहन क्षतिग्रस्त हुई थी, जिनमें से 99 वाहनों को उपद्रवियों ने जलाकर खाक कर दिया था। इस मामले में पुलिस अब तक 184 लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है।
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