बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान ने साल 1993 में आई फिल्म ‘डर’ में खलनायक की भूमिका निभाई थी। वहीं, यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में सनी देओल और जूही चावला लीड रोल में थे। शाहरुख फिल्म में किरण का किरदार निभाने वाली जूही चावला का शादी के बाद भी पीछा करना नहीं छोड़ते हैं। यह फिल्म और इसका एक गाना जिसके बोल थे, ‘तू हां कर या ना कर, तू है मेरी किरण’ एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने एक यूट्यूब चैनल से हुई बातचीत में फिल्म और गाने को लेकर सवाल उठाए हैं। एक तरह से उन्होंने बॉलीवुड में महिला विमर्श को फिर से चर्चा में ला दिया है।
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि एनिमल फिल्म तो बाद में आई है। 90 के दशक में एक फिल्म ‘डर’ आई थी, जिसमें शाहरुख खान और जूही चावला थे। जूही के मना करने के बाद भी वह गाना गा रहा है, ‘तू हां कर या ना कर, तू है मेरी किरण’। मतलब उसकी हां और न से उसको कोई मतलब नहीं है। ये लवर है या रेपिस्ट? ये कैसा सेंस है?
इसके बाद विकास दिव्यकीर्ति ने यश चोपड़ा की एक अन्य फिल्म ‘कभी कभी’ का उदाहरण देते हुए कहा, ”फिल्म का गाना, कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए। मतलब तुम कोई चीज हो क्या जो मेरे लिए बनी है। तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कहीं, तुझे जमीन पर बुलाया गया है मेरे लिए। ये किस तरह का बॉसीनेस है। लड़की की कोई लाइफ नहीं है? उसका खुद का कोई करियर नहीं है? उसके कोई सपने नहीं है? आपको बस वह इंसान बनना है, जो मुझको पूरा करे। बस आपका दुनिया में आने में बस यही मकसद है।”
बता दें कि यह इंटरव्यू 28 मई 2024 को शूट किया गया था। पांच दिन पहले यूट्यूब चैनल युवा पर शेयर किया गया है। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया है। इसमें डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने निखिल तनेजा से हुई बातचीत में यह भी कहा है कि पुरुषों को भी कभी-कभी ऑब्जेक्ट के रूप में देखा जाता है। लेकिन पुरुषों को ऑब्जेक्टिफाई करना उतना ही गलत है जितना महिलाओं को करना।
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