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कासगंज कांड: एडवोकेट मोहिनी तोमर निभा रहीं थी दंगा पीड़ितों का साथ, खून के प्यासे हो गए इस्लामिक कट्टरपंथी

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अनुरोध भारद्वाज

कासगंज। यूपी के कासगंज में हुए अधिवक्ता मोहिनी तोमर हत्याकांड के तार 2018 में हुए हिन्दू विरोधी दंगे से जुड़े होने की बात सामने आई है। छह बरस पहले स्वतंत्रता दिवस पर शहर में निकाली गई तिरंगा यात्रा पर मुस्लिम उपद्रवियों ने हमला किया था। दंगे में हिन्दू समाज के होनहार बेटे चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी और कानूनी लड़ाई में एडवोकेट मोहिनी तोमर पीड़ित परिवार का लगातार साथ निभा रही थी। दंगे में शामिल रहे मुनाजिर रफी समेत दूसरे लोग मोहिनी तोमर के जान के दुश्मन बने थे।

कासगंज में हुए अधिवक्ता मोहिनी तोमर हत्याकांड में पुलिस ने मुस्तफा कामिल, असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा, सलमान, मुनाजिर रफी सहित छह अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। सलाखों के पीछे पहुंचे ये आरोपी वकालत के पेशे से जुड़े हैं। लोमहर्षक हत्याकांड का शिकार हुईं अधिवक्ता मोहिनी तोमर के पति ब्रजतेंद्र तोमर ने इन लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी। पति के मुताबिक, 3 सितंबर को दोपहर 2 बजे उन्होंने पत्नी मोहिनी तोमर को कासगंज में न्यायालय के गेट पर छोड़ा था। मुस्तफा कामिल, असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा, सलमान, मुनाजिर रफी और केशव मिश्रा ने मिलकर मोहिनी तोमर को अगवा कर लिया। अपहरण के बाद मोहिनी तोमर की कासगंज शहर से कुछ किमी दूर गोरहा नहर किनारे ले जाकर हत्या कर दी गई।

पति ब्रजतेन्द्र तोमर ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी मोहिनी ने वर्ष 2018 में शहर के अंदर तिरंगा यात्रा के दौरान हुए चन्दन गुप्ता हत्याकांड में आरोपी रहे मुनाजिर रफी एडवोकेट की जमानत का पुरजोर विरोध किया था। इसकी वजह से मुनाजिर रफी और उसके साथी मोहिनी तोमर से रंजिश मान बैठे थे। एक अन्य मामले में मोहिनी तोमर मजबूती से पैरवी कर रही थीं, जिससे अभियुक्त पक्ष खुन्नस माने था। उन्हीं कारणों से सुनियोजित तरीके से मोहिनी तोमर की जान ले ली गई। पिछले दिनों कासगंज में हुए अधिवक्ता मोहिनी हत्याकांड के विरोध में पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन होते देखे गए हैं।

कासगंज में महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर की हत्या के विरोध में राज्यव्यापी प्रदर्शन हुए हैं, अधिवक्ता समाज के साथ विहिप, बजरंग दल समेत सभी हिन्दू संगठन मोहिनी के हत्यारों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

अधिवक्ताओं के साथ हिन्दू संगठनों ने मुखर होकर हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी और कठोर कार्रवाई की मांग उठाई है। विहिप, बजरंग दल की अपील पर कासगंज के बाजार बंद रखकर हत्याकांड का विरोध जताया गया है। कासगंज पुलिस ने नामजद एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद अधिवक्ता मुस्तफा कामिल और उसके बेटे असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा, सलमान को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। फरार चल रहे मुनाजिर रफी और केशव मिश्रा को भी एक दिन पहले पुलिस टीमों ने छापेमारी कर पकड़ लिया। यह दोनों भी वकालत के पेशे से जुड़े बताए गए हैं। गिरफ्तारी के बाद दोनों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर की हत्या में आगे और भी राज सामने आ सकते हैं। एसपी कासगंज अपर्णा रजत कौशिक ने मीडिया को बताया कि महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर के अपहरण व हत्या के संबंध में पति ब्रजेंद्र तोमर ने छह नामजद अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्याकांड की विवेचना जारी है।

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