हरिद्वार (उत्तराखंड ब्यूरो) । पवित्र तीर्थ नगरी हरिद्वार में पिछले कुछ वर्षों से बढ़ती गैर-हिंदू आबादी को लेकर स्थानीय लोग और गंगा सभा के सदस्य चिंतित हैं। गंगा सभा के सदस्य उज्ज्वल पंडित ने हरकी पैड़ी क्षेत्र और उसके आसपास की बस्तियों में अवैध रूप से बस रहे गैर-हिंदुओं को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हरकी पैड़ी के दो किलोमीटर के दायरे में कई अवैध बस्तियाँ बन गई हैं, जहाँ असंख्य गैर-हिंदू निवास कर रहे हैं। इन लोगों के खान-पान में मांसाहार शामिल होने से तीर्थ नगरी की धार्मिकता और सांस्कृतिक वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
गैर-हिंदू आबादी में हो रही है तेज़ी से वृद्धि
हरिद्वार जिले में गैर-हिंदू जनसंख्या लगभग 40% की गति से बढ़ रही है। शहर के शहरी क्षेत्रों में इस बदलाव का असर साफ देखा जा सकता है। उज्ज्वल पंडित ने सवाल किया है कि क्या इन बस्तियों में रह रहे लोगों का पुलिस सत्यापन हुआ है? यदि हाँ, तो यह जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई है? उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि इन अवैध बस्तियों में रह रहे लोग यहां के स्थानीय नहीं लगते और उनकी भाषा भी क्षेत्रीय बोली से अलग है।
क्या रोहिंग्या और बांग्लादेशी हैं जिम्मेदार..?
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह अवैध बस्तियाँ सुनियोजित तरीके से बसाई जा रही हैं और इसमें रोहिंग्या या बांग्लादेशियों की भूमिका हो सकती है। पत्रकार अमित शर्मा ने कहा कि इन लोगों की बोली और रहन-सहन स्थानीय लोगों से अलग है, जो इनकी असल पहचान पर सवाल खड़े करता है। इसके अलावा, कुछ मदरसे भी खुल चुके हैं, जिनमें संदिग्ध लोगों का आना-जाना देखा जा रहा है।
नशाखोरी और अपराधों में वृद्धि
हरिद्वार के लोग इस बात से भी परेशान हैं कि इन बस्तियों में नशाखोरी और अपराधों की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। इस अवैध गतिविधियों की सप्लाई चैन इन्हीं बस्तियों से जुड़ी बताई जा रही है। शहर के लोग अब प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि आखिर इन अवैध बस्तियों पर कार्यवाही कब होगी?
स्थानीय लोग और गंगा सभा की मांग
गंगा सभा के सदस्य और स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इन अवैध बस्तियों पर सख्त कार्यवाही करे और यह सुनिश्चित करे कि हरिद्वार की पवित्रता और धार्मिक महत्व बनाए रखा जाए। उज्ज्वल पंडित ने प्रशासन से इन बस्तियों के लोगों का सत्यापन करवाकर उसकी जानकारी सार्वजनिक करने की भी मांग की है।
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