मणिपुर में हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 6 सितंबर को मोइरांग में पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर हुए हमले के एक दिन बाद, 7 सितंबर को जिरीबाम जिले में गोलीबारी की दो अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही इंफाल में मणिपुर राइफल्स हेडक्वार्टर पर भीड़ का हमला भी हुआ, जिसमें सुरक्षा बलों की जवाबी फायरिंग में पांच लोग घायल हो गए।
पुलिस के अनुसार, पहली गोलीबारी जिरीबाम जिला मुख्यालय से लगभग सात किलोमीटर दूर हुई। संदिग्ध पहाड़ी उग्रवादियों ने एक घर में घुसकर सो रहे बुजुर्ग कुलेंद्र सिंह की हत्या कर दी। इसके बाद, जिरीबाम में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। इलाके में गोलीबारी की लगातार खबरें आ रही हैं और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में 6 सितंबर की रात को भीड़ ने मणिपुर राइफल्स हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया। भीड़ ने सुरक्षा बलों से हथियार छीनने की कोशिश की, जिसके जवाब में पुलिस और सीआरपीएफ ने पेलेट गन से कई राउंड फायरिंग की। नकली बम और आंसू गैस के गोले भी दागे गए। इस झड़प में पांच लोग घायल हो गए और उन्हें जेएनआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, हथियार या गोला-बारूद के लूटे जाने की कोई पुष्टि नहीं हुई है।
मणिपुर में हिंसा के बढ़ते मामलों के चलते सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। मणिपुर अखंडता समिति (COCOMI) ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सरकार की विफलता के विरोध में काम बंद और सार्वजनिक कर्फ्यू का आह्वान किया है। इंफाल में सुबह से ही दुकानें बंद हैं और सड़कें सुनसान हैं।
1 सितंबर से मणिपुर में हिंसा की चार बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें ड्रोन हमले, रॉकेट बम फेंकने की घटनाएं और गोलीबारी शामिल हैं। 1 सितंबर को कोटरुक गांव में आतंकवादियों ने ड्रोन और पहाड़ी की चोटी से हमला किया, जिसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए। 3 सितंबर को सेजम चिरांग गांव में भी ड्रोन से हमला किया गया, जिसमें तीन लोग घायल हुए। मोइरांग में पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर 6 सितंबर को रॉकेट बम से हमला हुआ, जिसमें एक बुजुर्ग की मौत हुई और 5 लोग घायल हुए।
मणिपुर में 3 मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच चल रही हिंसा ने अब तक 226 लोगों की जान ले ली है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1100 से अधिक लोग घायल हुए हैं और 65,000 से अधिक लोग अपने घर छोड़ चुके हैं। हिंसा की बढ़ती घटनाएं राज्य की स्थिरता और शांति के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही हैं।
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