उत्तराखंड: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को दरकिनार कर गंगा नगरी हरिद्वार में बना दी मस्जिद, वक्फ बोर्ड ने दिया संरक्षण
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को दरकिनार कर गंगा नगरी हरिद्वार में बना दी मस्जिद, वक्फ बोर्ड ने दिया संरक्षण

सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी नए धार्मिक स्थल अथवा पुराने धार्मिक स्थल के मरम्मत के लिए उसकी अनुमति जिला प्रशासन अथवा हरिद्वार विकास प्राधिकरण से लेना आवश्यक है।

by दिनेश मानसेरा
Sep 5, 2024, 03:32 pm IST
in उत्तराखंड
Uttarakhand illegal mosque built in Haridwar
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हरिद्वार: गंगा तीर्थनगरी के ज्वालापुर क्षेत्र में मंगलौर के विधान सभा उपचुनाव की आड़ में मस्जिद का निर्माण कर दिया गया। खास बात ये कि हरिद्वार विकास प्राधिकरण की सील तोड़ कर इमारत बनाते रहे। जब प्राधिकरण दोबारा कारवाई के मूड में आया तो वक्फ बोर्ड ने उसे संरक्षण दे दिया।

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड: हल्द्वानी में रेलवे, वन भूमि और गौला नदी श्रेणी में सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण, हाई कोर्ट ने मांगा जबाव

जिला प्रशासन हरिद्वार के मंगलोर सीट पर उपचुनाव और आचार संहिता में व्यस्त रहा और उधर मुस्लिमों ने हरिद्वार के बीचों बीच ज्वालापुर में मस्जिद खड़ी कर दी। हरिद्वार विकास प्राधिकरण इस मामले पहले तो सोया रहा। जब सोशल मीडिया में शोर मचा तो प्राधिकरण ने सील कर दिया। बावजूद इसके निर्माण कार्य जारी रहा।

हरिद्वार जैसी सनातन नगरी में ज्वालापुर इंटर कॉलेज के ठीक बराबर में आलीशान मस्जिद का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को दरकिनार करते हुए जारी रहा। सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी नए धार्मिक स्थल अथवा पुराने धार्मिक स्थल के मरम्मत के लिए उसकी अनुमति जिला प्रशासन अथवा हरिद्वार विकास प्राधिकरण से लेना आवश्यक है। ऐसे मामलों पर फैसला लेने के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी भी बनाई गई है, खास बात ये है कि ऐसे विषयों पर निगरानी के लिए हाई कोर्ट को, सुप्रीम कोर्ट ने अधिकृत किया है।

इसे भी पढ़ें: सीएम धामी ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर की समीक्षा, डेमोग्राफी चेंज, लव जिहाद और कन्वर्जन जैसे मामलों पर दिखाई नाराजगी

अब सवाल ये उठता है कि इतनी बड़ी इमारत कैसे खड़ी हो गई वो भी सनातन गंगा नगरी में? इससे पहले भी हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय ने अवैध मजारें बना दी जिन पर जिला प्रशासन कारवाई करने में संकोच करता रहा। हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में किसी भी मुस्लिम का रात्रि प्रवास करना, घाटों पर जाना प्रतिबंधित है ऐसा उनके बायलॉज में लिखा हुआ है। फिर भी इस सनातन नगरी में गैर हिंदुओ का सरकारी जमीनों को कब्जाने और इनपर धार्मिक स्थल बनाए जाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।

हरिद्वार जिले में मंगलौर विधान सभा उपचुनाव की वजह से आचार संहिता लगी हुई है, जिसकी वजह से जिला प्रशासन अपने कार्यों में व्यस्त है जिसका फायदा उठाते हुए मुस्लिम समुदाय ने जो पहले छोटी से मस्जिद थी। उसे सड़क और स्कूल की दीवार तक लाते हुए आलीशान मस्जिद खड़ी कर दी और इसके लिए जिला अधिकारी अथवा प्राधिकरण से कोई अनुमति नहीं ली गई न ही नक्शा पास करवाया गया। जानकारी के मुताबिक, इस मामले में हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने उक्त इमारत को ध्वस्तीकरण की कारवाई, उपचुनाव परिणाम के बाद दस अगस्त को करनी थी। इसी बीच मस्जिद इंतजामिया कमेटी इस मामले को लेकर वक्फ बोर्ड के पास पहुंच गई, जहां वक्फ बोर्ड ने प्राधिकरण की कारवाई पर रोक लगा दी। वक्फ बोर्ड ने प्राधिकरण की कारवाई पर रोक तो लगा दी, लेकिन मस्जिद का निर्माण कार्य में रोक नहीं लगाई।

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड में महिलाओं और किशोरियों की गुमशुदगी पर बढ़ती चिंता, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और लव जिहाद बड़ी वजह

हिंदू संगठनों की आपत्ति

इस मामले पर बजरंग दल के प्रांत संयोजक अनुशज वालिया ने कहा है कि हिंदू तीर्थ नगरी में बिना प्रशासन की अनुमति के धार्मिक स्थलों का विस्तार देना सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि गंगा नगरी, सनातन की नगरी है यहां गैर सनातन लोग एक योजनाबद्ध तरीके से धार्मिक स्थल बना रहे है, जिन्हें रोकना प्रशासन की जिम्मेदारी है और यदि नहीं रोका गया तो हम आंदोलन को बाध्य होंगे।

 

Topics: उत्तराखंडUttarakhandमस्जिदहरिद्वारHaridwarmosqueविधानसभा उपचुनावassembly by-election
Share57TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

ECI issues notice 6 political parties of UK

उत्तराखण्ड के 6 राजनैतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस, जानिए कारण

Pushkar Singh Dhami Demography

विकसित भारत @2047 : CM धामी ने पूर्व सैनिकों संग डेमोग्राफी चेंज और धर्मान्तरण पर की चर्चा

CM Dham green signal to the first batch of Kailas mansarovar pulgrims

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को टनकपुर से किया रवाना

Uttarakhand Bipin chandra rawat

देहरादून: सैन्य धाम के निर्माण कार्य का अंतिम चरण, मंत्री गणेश जोशी ने की प्रगति समीक्षा

Nainital High court lift stays from election ban

नैनीताल हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे, नजूल और वन भूमि खुर्दबुर्द मामले में सुनवाई की, अगली तारीख 14 जुलाई

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies