हरिद्वार: गंगा तीर्थनगरी के ज्वालापुर क्षेत्र में मंगलौर के विधान सभा उपचुनाव की आड़ में मस्जिद का निर्माण कर दिया गया। खास बात ये कि हरिद्वार विकास प्राधिकरण की सील तोड़ कर इमारत बनाते रहे। जब प्राधिकरण दोबारा कारवाई के मूड में आया तो वक्फ बोर्ड ने उसे संरक्षण दे दिया।
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जिला प्रशासन हरिद्वार के मंगलोर सीट पर उपचुनाव और आचार संहिता में व्यस्त रहा और उधर मुस्लिमों ने हरिद्वार के बीचों बीच ज्वालापुर में मस्जिद खड़ी कर दी। हरिद्वार विकास प्राधिकरण इस मामले पहले तो सोया रहा। जब सोशल मीडिया में शोर मचा तो प्राधिकरण ने सील कर दिया। बावजूद इसके निर्माण कार्य जारी रहा।
हरिद्वार जैसी सनातन नगरी में ज्वालापुर इंटर कॉलेज के ठीक बराबर में आलीशान मस्जिद का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को दरकिनार करते हुए जारी रहा। सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी नए धार्मिक स्थल अथवा पुराने धार्मिक स्थल के मरम्मत के लिए उसकी अनुमति जिला प्रशासन अथवा हरिद्वार विकास प्राधिकरण से लेना आवश्यक है। ऐसे मामलों पर फैसला लेने के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी भी बनाई गई है, खास बात ये है कि ऐसे विषयों पर निगरानी के लिए हाई कोर्ट को, सुप्रीम कोर्ट ने अधिकृत किया है।
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अब सवाल ये उठता है कि इतनी बड़ी इमारत कैसे खड़ी हो गई वो भी सनातन गंगा नगरी में? इससे पहले भी हरिद्वार कुंभ क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय ने अवैध मजारें बना दी जिन पर जिला प्रशासन कारवाई करने में संकोच करता रहा। हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में किसी भी मुस्लिम का रात्रि प्रवास करना, घाटों पर जाना प्रतिबंधित है ऐसा उनके बायलॉज में लिखा हुआ है। फिर भी इस सनातन नगरी में गैर हिंदुओ का सरकारी जमीनों को कब्जाने और इनपर धार्मिक स्थल बनाए जाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
हरिद्वार जिले में मंगलौर विधान सभा उपचुनाव की वजह से आचार संहिता लगी हुई है, जिसकी वजह से जिला प्रशासन अपने कार्यों में व्यस्त है जिसका फायदा उठाते हुए मुस्लिम समुदाय ने जो पहले छोटी से मस्जिद थी। उसे सड़क और स्कूल की दीवार तक लाते हुए आलीशान मस्जिद खड़ी कर दी और इसके लिए जिला अधिकारी अथवा प्राधिकरण से कोई अनुमति नहीं ली गई न ही नक्शा पास करवाया गया। जानकारी के मुताबिक, इस मामले में हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने उक्त इमारत को ध्वस्तीकरण की कारवाई, उपचुनाव परिणाम के बाद दस अगस्त को करनी थी। इसी बीच मस्जिद इंतजामिया कमेटी इस मामले को लेकर वक्फ बोर्ड के पास पहुंच गई, जहां वक्फ बोर्ड ने प्राधिकरण की कारवाई पर रोक लगा दी। वक्फ बोर्ड ने प्राधिकरण की कारवाई पर रोक तो लगा दी, लेकिन मस्जिद का निर्माण कार्य में रोक नहीं लगाई।
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हिंदू संगठनों की आपत्ति
इस मामले पर बजरंग दल के प्रांत संयोजक अनुशज वालिया ने कहा है कि हिंदू तीर्थ नगरी में बिना प्रशासन की अनुमति के धार्मिक स्थलों का विस्तार देना सहन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि गंगा नगरी, सनातन की नगरी है यहां गैर सनातन लोग एक योजनाबद्ध तरीके से धार्मिक स्थल बना रहे है, जिन्हें रोकना प्रशासन की जिम्मेदारी है और यदि नहीं रोका गया तो हम आंदोलन को बाध्य होंगे।
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