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विकीपीडिया को हाई कोर्ट ने भेजा अवमानना का नोटिस, कहा-‘अगर भारत पसंद नहीं तो यहां काम न करें’

Published by
Kuldeep singh

अपने ग्राहकों की जानकारी को वायरल करने के लिए न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को विकीपीडिया को न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी किया है। विकीपीडिया के खिलाफ एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) ने एक आवेदन दायर किया है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, एएनआई ने आरोप लगाया है कि विकीपीडिया ने कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर दिया। आरोप है कि विकीपीडिया ने कथित तौर पर एएनआई विकीपीडिया पेज पर ‘अपमानजनक’ कंटेंट पोस्ट किए गए थे। जस्टिस नवीन चावला ने कहा कि मैं अवमानना का आरोप लगाऊंगा यह पहले प्रतिवादी (विकीपीडिया) के भारत में यूनिट होने का सवाल नहीं है।

हाई कोर्ट ने विकीपीडिया को चेतावनी दी है कि हम यहां आपके व्यावसायिक लेन-देन बंद कर देंगे और आपको ब्लॉक करने के लिए हम सरकार से कहेंगे। मामले की सुनवाई के दौरान विकीपीडिया ने अपने अधिवक्ता टीन अब्राहम के जरिए कोर्ट को बताया कि उसे आदेश के संबंध में प्रस्तुतियां देनी हैं और उन्हें उपस्थित होने में समय इसलिए लगा, क्योंकि विकीपीडिया भारत में स्थित ही नहीं है।

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इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि आप (विकीपीडिया) लोगों ने पहले भी इसी तरह के तर्क दिए थे। लेकिन, अगर आपको भारत पसंद नहीं हैं तो भारत में काम न करें। जस्टिस चावला ने विकीपीडिया के अधिकृत प्रतिनिधि को 25 अक्तूबर को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का आदेश दिया है। एएनआई द्वारा विकीपीडिया के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें एएनआई विकीपीडिया के पेज पर समाचार एजेंसी का अपमानजनक वर्णन करने का आरोप लगाया है।

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