अपने ग्राहकों की जानकारी को वायरल करने के लिए न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को विकीपीडिया को न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी किया है। विकीपीडिया के खिलाफ एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) ने एक आवेदन दायर किया है।
इसे भी पढ़ें: रामपुर में कॉलेज जा रही हिन्दू छात्रा से छेड़छाड़, विरोध पर मुस्लिम लड़कों ने बाइक चढ़ाई, हत्या की धमकी
रिपोर्ट के मुताबिक, एएनआई ने आरोप लगाया है कि विकीपीडिया ने कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर दिया। आरोप है कि विकीपीडिया ने कथित तौर पर एएनआई विकीपीडिया पेज पर ‘अपमानजनक’ कंटेंट पोस्ट किए गए थे। जस्टिस नवीन चावला ने कहा कि मैं अवमानना का आरोप लगाऊंगा यह पहले प्रतिवादी (विकीपीडिया) के भारत में यूनिट होने का सवाल नहीं है।
हाई कोर्ट ने विकीपीडिया को चेतावनी दी है कि हम यहां आपके व्यावसायिक लेन-देन बंद कर देंगे और आपको ब्लॉक करने के लिए हम सरकार से कहेंगे। मामले की सुनवाई के दौरान विकीपीडिया ने अपने अधिवक्ता टीन अब्राहम के जरिए कोर्ट को बताया कि उसे आदेश के संबंध में प्रस्तुतियां देनी हैं और उन्हें उपस्थित होने में समय इसलिए लगा, क्योंकि विकीपीडिया भारत में स्थित ही नहीं है।
इसे भी पढ़ें: ’40 दिन दरगाह में रुको, बेटी हो जाएगी ठीक’, फकीर ने शैतानी चाल से हिंदू महिला को जाल में फंसाया और बेटी से किया रेप
इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि आप (विकीपीडिया) लोगों ने पहले भी इसी तरह के तर्क दिए थे। लेकिन, अगर आपको भारत पसंद नहीं हैं तो भारत में काम न करें। जस्टिस चावला ने विकीपीडिया के अधिकृत प्रतिनिधि को 25 अक्तूबर को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का आदेश दिया है। एएनआई द्वारा विकीपीडिया के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें एएनआई विकीपीडिया के पेज पर समाचार एजेंसी का अपमानजनक वर्णन करने का आरोप लगाया है।
टिप्पणियाँ