पश्चिम बंगाल

ममता बनर्जी ने महिला डॉक्टर की मृत्यु का राजनीतिक लाभ उठाया, अपराधों को रोकने में रहीं विफल : किरेन रिजिजू

रिजिजू ने 2021 में लिखा एक पत्र साझा किया। पत्र में उन्होंने राज्य में बलात्कार और POCSO मामलों के त्वरित निपटान के लिए “फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों (FTSCs)” की स्थापना का आग्रह किया था।

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Parul

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रबंधन में विफलता का आरोप लगाया है। रिजिजू ने 2021 में लिखा एक पत्र साझा किया। पत्र में उन्होंने राज्य में बलात्कार और POCSO मामलों के त्वरित निपटान के लिए “फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों (FTSCs)” की स्थापना का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि मई 2021 तक 28,559 मामले लंबित थे।

 

रिजिजू के पत्र में FTSCs की आवश्यकता का उल्लेख किया गया था। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के लिए 123 अदालतें निर्धारित की गई थीं, जिनमें से 20 POCSO मामलों के लिए थीं। इस पर राज्य की सहमति नहीं मिली थी। इसे उन्होंने महिलाओं और बच्चों के लिए न्याय सुनिश्चित करने में विफलता माना।

यह आलोचना उस समय आई जब पश्चिम बंगाल विधानसभा ने “अपराजिता विधेयक” को पारित किया। यह विधायक महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए विशेष कार्य बल और समर्पित अदालतों की स्थापना का लक्ष्य रखता है। रिजिजू ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने एक प्रशिक्षु डॉक्टर की दुखद मृत्यु का राजनीतिक लाभ उठाया है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने रिजिजू के विचारों का समर्थन करते हुए ममता बनर्जी की निष्क्रियता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि विधेयक के पारित होने के बावजूद यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए।

 

रिजिजू ने कहा कि वे इस गंभीर मुद्दे को राजनीतिक न बनाएं और कहा कि मजबूत कानूनों के साथ-साथ त्वरित और प्रभावी कार्यवाही भी आवश्यक है। अपराजिता विधेयक का उद्देश्य पश्चिम बंगाल में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते हिंसा के मामलों को रोकना है। यह विधेयक अब राष्ट्रपति की स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रहा है, जिसके बाद इसे लागू किया जाएगा।

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