आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की अहम् भूमिका होने की संभावना हैं. आम आदमी पार्टी कांग्रेस के मनसूबे पर पानी फेरती दिख रही है. कांग्रेस को आम आदमी पार्टी के हरियाणा में इस भूमिका का आभास है, इस कारण से कांग्रेस ने आप के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन कर 2024 का चुनाव लड़ा था। गठबंधन के तहत आप ने कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट पर जबकि बाकी सभी 9 सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। इतना ही नहीं हरियाणा के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में भी आप और कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा। लेकिन निकटवर्ती राज्य पंजाब में ये दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ उतरीं और एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी . लोकसभा चुनाव के ठीक बाद आप ने खुद ही घोषणा कर दी कि वह अब इंडी गठबंधन की सहयोगी नहीं रहेगी.
कांग्रेस पार्टी के लिए आप एक दिवास्वप्न की तरह कहा जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. कांग्रेस पार्टी के लिए आप एक बड़ी राजनीतिक चुनौती है. अगर हम राज्यवार आप के प्रदर्शन पर गौर करें तो पाते हैं कि आप ने कांग्रेस पार्टी के वोटबैंक में सेंधमारी से ही अपनी राजनीति को परवान चढ़ाया है. गुजरात के आखिरी 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का उस राज्य में अबतक का सबसे ख़राब प्रदर्शन रहा है. कांग्रेस महज 17 सीटें जीत सकी. कांग्रेस का 41 विधानसभा सीटों पर जमानत जब्त हो गई. ऐसा ख़राब प्रदर्शन आप के चुनावी मैदान में उतरने के कारण ही हुया. आप ने 180 उम्मीदवार उतारे, वो 40 सीटों पर सीधे चुनावी लड़ाई में थी. इन सभी सीटों पर आप का मुकाबला भाजपा से हुआ. आप ने जिन 5 सीटों पर भाजपा को हराकर जीत दर्ज़ की उन सभी सीटों पर कांग्रेस पार्टी की जमानत तक जब्त हो गई.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में आप के चुनावी दखल के बाद कांग्रेस पार्टी समाप्ति की कगार पर खड़ी है. पिछले तीन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दिल्ली में अपना खाता खोलने में नाकाम रही है. जबकि 2004 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली के कुल 7 में 6 व 2009 के लोकसभा चुनाव में सभी 7 सीटों पर जीत दर्ज़ की थी. वही दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी पिछले दो चुनावों में अपना खाता खोलने में नाकाम रहने के साथ ही अत्यंत ख़राब प्रदर्शन कर रही है. दिल्ली के आखिरी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 66 सीटों पर चुनाव लड़कर 63 सीटों पर जमानत जब्त करवाती है, वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी और 62 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई. पंजाब में कांग्रेस की दिल्ली की तरह ही मबजूत पकड़ थी मगर 2022 के विधान सभा चुनाव में बुरी हार हारने के साथ ही सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़कर 31 सीटों पर अपनी जमानत जब्त करवा ली.
इन सभी उपरोक्त राज्यों में जैसे-जैसे आप अपने को मजबूत करती गई वैसे ही कांग्रेस पार्टी की ताकत कम होती चली गई. दिल्ली में तो कांग्रेस खात्मे की कगार पर है. दिल्ली में स्वर्गीय शीला दीक्षित के कालखंड में कांग्रेस पार्टी ने 1998, 2003 व 2008 में यादगार जीत दर्ज़ की थी.
पंजाब और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में अपनी राजनीतिक जीत के बाद आम आदमी पार्टी का अगला निशाना हरियाणा है. आप ने अपने प्रयोग से यह निष्कर्ष निकला है कि विभिन्न राज्यों में सत्ता में आने से पहले उसे सबसे पहले कांग्रेस पार्टी या अन्य क्षेत्रीय दल को कमजोर करना होगा. आप ने इसी सूत्र को आत्मसात करते हुए सबसे पहले दिल्ली में कांग्रेस पार्टी को कमजोर किया और फिर लगभग खत्म कर दिया और फिर उसने पंजाब में शिरोमणि अकाली दल को निशाना बनाया. आने वाले समय में आप की निगाह गुजरात और हरियाणा पर टिकी है. अपनी रणनीति के तहत गुजरात में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पार्टी को इतना कमजोर कर दिया है कि भविष्य में वह अपने पैरो पर खड़ी नहीं हो सके . आप हरियाणा के विधानसभा चुनाव इसी रणनीति के तहत आगे बढ़ रही हैं ।
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