पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित रेप केस की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लंबे वक्त से प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों का प्रयास आखिरकार रंग लाया। प्रदर्शनों के दबाव का असर ये हो रहा है कि अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार विधानसभा में एंटी रेप बिल लाई है। इस बिल को विधानसभा में यह बिल कानून मंत्री मोलॉय घटक ने विधेयक पेश किया। इसे अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन)-2024 नाम दिया गया है।
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ममता सरकार के द्वारा पेश किए गए विधेयक में रेप के दोषी को 10 दिन के अंदर मौत की सजा देने का प्रावधान रखा गया है। इस मामले की जांच 36 दिन में पूरा करने का प्रावधान किया गया है। इस बिल को पारित करने के लिए 2 सितंबर से दो दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र बुलाया गया है। माना जा रहा है कि विधानसभा में ये बिल आज ही पास हो सकता है।
भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से कोलकाता रेप केस की पीड़िता के लिए शोक संदेश पारित करने की मांग की थी, जिसे बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया। इस घटना को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और LOP सुवेंदु अधिकारी के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई।
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बिल में क्या है प्रावधान
- अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा प्रदान करना है।
- रेप केस की जांच 21 दिनों में पूरी करने का प्रावधान है, इसे 15 दिनों तक के लिए बढ़ाया गया है।
- अगर रेप पीड़ित की मौत हो जाती है या फिर वह कोमा में चली जाती है तो दोषी को फांसी की सजा दी जाएगी।
- हर जिले में ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ बनाई जाएगी, इसका नेतृत्व डीएसपी स्तर के अधिकारी के द्वारा किया जाएगा।
- रेप और गैंगरेप के दोषियों को पैरोल के बिना उम्रकैद की सजा दी जाएगी
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