नई दिल्ली: भारत के खिलाड़ियों ने पेरिस पैरालंपिक्स में शानदार प्रदर्शन के साथ 15 पदक जीत लिये हैं। इसमें 3 स्वर्ण, 5 रजत और 7 कांस्य पदक शामिल हैं। भारत ने पैरालंपिक्स के पांचवें दिन का अंत 8 पदकों के साथ किया, जिसमें 2 स्वर्ण, 3 रजत और 3 कांस्य पदक थे। यह निश्चित रूप से भारतीय खेल इतिहास में सबसे महान दिनों में से एक था। इसी के साथ भारत ने पैरालंपिक्स में 15वें स्थान पर जगह बना ली है। जल्द ही भारत टोक्यो 2020 पैरालिंपिक्स में जीते 19 पदकों की संख्या को पार कर लेगा।
भारत का 5वें दिन पदक प्रदर्शन-
- सुमित अंतिल ने जेवलिन थ्रो एफ64 में स्वर्ण पदक जीता और नया पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाया।
- नितेश कुमार ने पुरुष एकल SL3 बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीता।
- योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो एफ56 में रजत पदक जीता।
- थुलसीमति मुरुगेसन ने महिला एकल SU5 बैडमिंटन में रजत पदक जीता।
- मनीषा रामदास ने महिला एकल SU5 बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता।
- शीतल देवी और राकेश कुमार ने मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन आर्चरी में कांस्य पदक जीता।
- सुहास यथिराज ने पुरुष एकल SL4 बैडमिंटन में रजत पदक जीता।
- नित्या श्री सिवन ने महिला एकल SH6 बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता।
नितेश ने किया स्वर्णिम पदक का श्री गणेश:
हरियाणा के नितेश कुमार ने पुरुषों की सिंगल SL3 में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने ब्रिटेन के डैनियल बेटेल को 21-14, 18-21, 23-21 से हराया। मैच एक घण्टे 20 मिनट तक चला।
अंतिल ने जीता दूसरी बार स्वर्ण:
सुप्रसिद्ध जेवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने पुरुषों की जेवलिन थ्रो F64 में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। जिसमें उन्होंने अपने ही पैरालंपिक रिकॉर्ड को दो बार तोड़ते हुए 70.59 मीटर का थ्रो किया। यह उनकी दूसरी बार स्वर्ण पदक जीतने की उपलब्धि है।
शीतल और राकेश ने दिलाया कांस्य:
शीतल देवी और राकेश कुमार ने मिश्रित टीम कम्पाउंड आर्चरी में कांस्य पदक जीता। उन्होंने इटली के मैटियो बोनासिना और एलेओनारा सार्टी को 156-155 से हराया। कांस्य के साथ शीतल ने तीरंदाजी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला का खिताब भी जीता।
योगेश ने फिर किया कांस्य भारत के नाम:
योगेश काथुनिया ने पुरुषों की डिस्कस थ्रो F56 में 42.22 मीटर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रजत जीता। फाइनल में उनका मुकाबला ब्राजील के क्लॉडिनि बैटिस्टा से हुआ। इन्होने टॉक्यो में भी भारत को रजत दिलाया था।
सुपरस्टार सुहास यथिराज ने भी रजत पदक जीता। स्वर्ण के लिए उनका सामना फ्रांस के लुकास माजूर से हुआ था। जिसमें उन्हें 9-21, 13-21 से हार का सामना किया। थुलसीमाथी मुरुगेसन ने भी पैरा बैडमिंटन में रजत पदक जीता। हालांकि उन्हें फाइनल में चीन की यांग क्यू शिया से 17-21, 10-21 से हार का सामना करना पड़ा।
मनिषा रामदास ने भी पैरा बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता। जिसमें उन्होंने 21-12, 21-8 के स्कोर से जीत हासिल की। मनिषा ने अपने दाहिने हाथ की चोट के बावजूद बेहतरीन प्रदर्शन किया। यह पदक जीतकर उन्होंने अपनी मेहनत को साबित कर दिखाया।
नित्या श्री सिवन ने SH6 बैडमिंटन श्रेणी में कांस्य पदक जीता। जिसमें उन्होंने इंडोनेशिया की मार्लिना रिना को 21-14, 21-6 से हराया।
भारत का पैरालिंपिक्स 2024 का अब तक का सफर शानदार रहा है। भारतीय एथलीटों ने न केवल पदक जीते हैं, बल्कि उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से देश का नाम भी रोशन किया है। आशा है कि आगामी मुकाबलों में भी भारत का इसी प्रकार प्रदर्शन रहेगा। जल्द ही भारत टॉक्यो पैरालिंपिक्स मेडल टेली को पार कर लेगा।
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