झारखंड के हजारीबाग से घर वापसी का मामला प्रकाश में आया है, जहां इचाक प्रखंड के बरकाखुर्द, सायल कला गांव और मारमख टोला के रहने वाले करीब 100 महिलाएं और पुरुष मंगलवार को सनातन धर्म में घर वापसी करेंगे।
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मामला कुछ यूं है कि जो लोग घर वापसी करने जा रहे हैं, वे सभी कभी हिन्दू ही थे। लेकिन, उन्हें सालों पहले ईसाई मिशनरियों बरगलाकर ईसाई बना दिया था। इसी कारण वे लंबे वक्त से ही वे ईसाई पंथ का पालन करते आ रहे थे। हालांकि, जन्म से ही सनातनी होने के कारण वक्त के साथ वो फिर से दोबारा से घर वापसी करने की कोशिशें करते रहे।
इसी के चलते इन लोगों ने हिन्दू संगठनों से संपर्क किया और बाद में इसकी सूचना मिलते ही पंचायत प्रतिनिधियों, समाजसेवियों ने सामूहिक पहल कर ऐसे लोगों को चिह्नित करते हुए बरका खुर्द स्थित शिव मंदिर में सभी लोगों को एकत्रित किया गया और उन्हें समझाइस दी गई। सद्भावना सभा में सभी ग्रामीणों की बात मानते हुए 20 परिवारों के 100 लोग ईसाईयत को छोड़कर आज घर वापसी करेंगे। हालांकि, इसको लेकर गांव के कुछ अन्य लोगों ने घर वापसी को लेकर अपनी सहमति नहीं जताई है।
बताया गया है कि इन सभी की घर वापसी कराने के लिए मंगलवार की शाम को शिव मंदिर में महा आरती आयोजित किया जाएगा। इसके लिए सभी ग्रामवासियों को हिस्सा लेने के लिए कहा गया है।
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गौरतलब है कि सनातन धर्म में घर वापसी केवल भारत में ही नहीं हो रही है, बल्कि पड़ोसी देश नेपाल में भी हाल ही में 2000 से अधिक लोगों ने सनातन धर्म में घर वापसी कर ली थी।
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