24 दिसंबर 1999 की वह भयावह शाम आज भी लोगों की यादों में ताजा है, जब काठमांडू से दिल्ली आ रहे इंडियन एयरलाइंस के IC814 विमान को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था। इस घटना ने न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व को हिला कर रख दिया था। हाल ही में, इस घटना के कैप्टन देवी शरण ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है, जो उस दिन की दहशत और तनाव को फिर से उजागर करता है।
अमृतसर से लाहौर
IC814 विमान को जब आतंकवादियों ने हाईजैक किया, तब उसे अमृतसर में उतारा गया था। लेकिन हाईजैकर्स ने कैप्टन शरण को आदेश दिया कि विमान को तुरंत लाहौर ले जाया जाए, भले ही विमान में ईंधन बेहद कम था। कैप्टन शरण ने बताया कि अमृतसर से उड़ान भरने के बाद उनके पास बेहद सीमित समय और संसाधन थे। जब विमान लाहौर पहुंचा, तो उन्हें वहां की रनवे बंद और सभी लाइट्स बंद मिलीं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।
लाहौर में लैंडिंग का खौफनाक क्षण
कैप्टन शरण ने उस खौफनाक क्षण को याद करते हुए बताया कि जब उन्होंने लाहौर में रनवे की ओर देखा, तो केवल अंधेरा और बंद रनवे ही नजर आया। उस समय उन्होंने महसूस किया कि विमान किसी भी समय क्रैश हो सकता है। स्थिति इतनी गंभीर थी कि उन्होंने अपनी टीम को भी अलर्ट कर दिया था। लेकिन तभी उन्होंने जमीन पर कुछ लोगों को देखा, और इस दृश्य ने उन्हें रुकने पर मजबूर कर दिया।
कैप्टन शरण ने बताया कि जमीन पर लोगों की मौजूदगी ने उन्हें एक और कोशिश करने के लिए प्रेरित किया। वह जानते थे कि यदि उन्होंने विमान को क्रैश कर दिया होता, तो इसके परिणाम बहुत ही भयावह हो सकते थे। उन्होंने तुरंत अपनी रणनीति बदली और लैंडिंग की कोशिश की, जिससे एक बड़ी त्रासदी को टाला जा सका। कैप्टन शरण का साहस और धैर्य उस दिन काबिले तारीफ थे। उन्होंने न केवल अपनी जान की परवाह की, बल्कि विमान में मौजूद सैकड़ों यात्रियों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी।
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