नई दिल्ली: भारत की शूटर गर्ल अवनी लेखरा ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में इतिहास रचते हुए महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (SH1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। इसके साथ ही, वह पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। उन्होंने 50 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भी कांस्य पदक अपने नाम किया। 22 साल की अवनी ने फाइनल में 249.7 अंक बनाकर नया पैरालंपिक रिकॉर्ड स्थापित किया।
संघर्ष भरा सफर
अवनी का यह सफर बहुत कठिन रहा है। अवनी का जन्म 8 नवंबर 2001 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था। 2012 में एक कार दुर्घटना का सामना करना पड़ा। दुर्घटना में उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी, जिसके बाद 11 साल की उम्र में उन्हें व्हीलचेयर पर निर्भर होना पड़ा। छोटी उम्र में व्हीलचेयर के साथ जीवन शुरू करने वाली अवनी को उनके पिता ने हमेशा प्रोत्साहित किया और उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ खेलों पर भी ध्यान देने को कहा।
शूटिंग में करियर
अवनी ने शूटिंग में करियर बनाने का निर्णय लिया और 2015 में प्रशिक्षण शुरू किया। इसके बाद कड़ी मेहनत से वह अपने करियर को नई ऊंचाइयों पर ले गईं। उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (SH1) स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता। 2022 में विश्व कप में उन्होंने दो गोल्ड मेडल जीते।
उनकी उपलब्धियों ने न केवल भारत का नाम रोशन किया है, बल्कि वह युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा भी बनी हैं। अवनी की कहानी यह दर्शाती है कि जीवन में चाहे कितने संघर्ष हों, कठिन परिश्रम के साथ आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
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