पेरिस पैरालंपिक में कांस्य पदक विजेता प्रीति पाल: संघर्ष, समर्पण और अभूतपूर्व सफलता की प्रेरणादायक कहानी
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम खेल

पेरिस पैरालंपिक में कांस्य पदक विजेता प्रीति पाल: संघर्ष, समर्पण और अभूतपूर्व सफलता की प्रेरणादायक कहानी

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर ने हमेशा से ही खेलों के सामान की उत्कृष्टता के लिए ख्याति प्राप्त की है, लेकिन इस शहर ने विश्व स्तरीय खिलाड़ियों को तैयार करने में भी अपनी अलग पहचान बनाई है।

by Mahak Singh
Aug 31, 2024, 04:18 pm IST
in खेल
प्रीति पाल ने पैरालिंपिक ट्रैक इतिहास में भारत को पहला मेडल जिताया

प्रीति पाल ने पैरालिंपिक ट्रैक इतिहास में भारत को पहला मेडल जिताया

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

मेरठ की बेटी प्रीति पाल, जिनका नाम आज हर भारतीय के दिल में गर्व से गूंज रहा है, प्रीति पाल ने पैरालंपिक खेलों में भारत का नाम रोशन किया है। उनकी यह अद्वितीय उपलब्धि न केवल खेल जगत में, बल्कि समाज के हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो किसी न किसी रूप में चुनौतियों का सामना कर रहा है। प्रीति की कहानी साहस, संघर्ष, और अदम्य इच्छाशक्ति की एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो यह दिखाती है कि दृढ़ संकल्प और समर्पण से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर ने हमेशा से ही खेलों के सामान की उत्कृष्टता के लिए ख्याति प्राप्त की है, लेकिन इस शहर ने विश्व स्तरीय खिलाड़ियों को तैयार करने में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। इसी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, मेरठ की बेटी प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में महिलाओं की 100 मीटर (T35) रेस में भारत के लिए कांस्य पदक जीतकर देश का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है। उन्होंने यह दौड़ 14.21 सेकंड में पूरी की।

साधारण परिवार से सफलता तक का सफर

2001 में मेरठ में जन्मी प्रीति पाल का जीवन एक साधारण परिवार में शुरू हुआ, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत, लगन, और अटूट इच्छाशक्ति ने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया। प्रीति ने न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है। एथलेटिक्स के ट्रैक इवेंट में मेडल जीतकर प्रीति ने इतिहास रच दिया। वह इस उपलब्धि को हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं, जिन्होंने न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में भारतीय खेल जगत का गौरव बढ़ाया है।

संघर्ष और समर्पण

प्रीति का सफर आसान नहीं था। एक छोटे से गाँव से आकर उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम किया। उनके संघर्ष की कहानी प्रेरणादायक है, जहाँ उन्होंने न केवल शारीरिक चुनौतियों का सामना किया बल्कि सामाजिक और मानसिक बाधाओं को भी पार किया। प्रीति का यह सफर उस अडिग जज़्बे की मिसाल है, जो बताता है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती।

सेरेब्रल पाल्सी से जूझते हुए जीता जीवन का संघर्ष

प्रीति पाल सेरेब्रल पाल्सी नामक एक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। यह बीमारी मस्तिष्क को प्रभावित करती है, जिससे चलने, सीखने, सुनने, देखने और सोचने जैसी कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं। लेकिन प्रीति ने कभी हार नहीं मानी और जीवन में कुछ बड़ा हासिल करने का संकल्प लिया। यह उनके दृढ़ संकल्प और साहस का ही परिणाम है कि उन्होंने इस बीमारी को अपनी कमजोरी बनने नहीं दिया, बल्कि इसे अपनी ताकत में बदल दिया।

इतिहास रचने का सफर

अपने पहले पैरालंपिक में हिस्सा लेते हुए, प्रीति ने एथलेटिक्स के ट्रैक इवेंट में शानदार प्रदर्शन किया। उनकी मेहनत और तैयारी ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया। उन्होंने न केवल पदक जीता, बल्कि भारत को गर्व का एक और कारण दिया। उनके इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने भारतीय एथलेटिक्स में एक नया अध्याय जोड़ा है और उनके इस प्रदर्शन ने एक नई पीढ़ी को प्रेरित किया है।

प्रीति की इस उपलब्धि ने देश भर में दिव्यांग खिलाड़ियों को एक नई दिशा दी है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो शारीरिक बाधाएँ कभी मायने नहीं रखतीं। उनकी सफलता ने भारत में पैरालंपिक खेलों की ओर ध्यान आकर्षित किया है और अन्य युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया है। प्रीति की कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयाँ केवल एक चुनौती हैं, जिन्हें पार करने से हम और भी मजबूत बनते हैं।

योगदान और समर्थन

प्रीति की इस सफलता के पीछे उनके परिवार, कोच और समाज का भी महत्वपूर्ण योगदान है। उनके कोच ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। परिवार के सहयोग और समाज के समर्थन ने प्रीति को आत्मविश्वास और हौसला दिया, जिससे वे इस मुकाम तक पहुँच सकीं।

पहले से ही चैंपियन: जापान और बेंगलुरु में प्रदर्शन

पेरिस पैरालंपिक से पहले, प्रीति ने इसी साल मई में जापान के कोबे में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। उन्होंने 200 मीटर स्पर्धा में 30.49 सेकंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय देकर यह पदक जीता, जिससे वे विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गईं। उनकी इस सफलता ने उन्हें पेरिस पैरालंपिक गेम्स का कोटा दिलाया।

इसके अलावा, बेंगलुरु में आयोजित छठवीं इंडियन ओपन पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी प्रीति ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दो गोल्ड मेडल जीते। उनके इस प्रदर्शन ने न केवल उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी अपनी छाप छोड़ने का अवसर दिया।

समर्पण की मिसाल

प्रीति पाल की यह कहानी केवल एक खिलाड़ी की सफलता की दास्तान नहीं है, बल्कि यह उन सभी के लिए प्रेरणा है जो जीवन में बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करना चाहते हैं। प्रीति की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि सच्ची मेहनत और समर्पण के साथ किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी यात्रा हमें यह सिखाती है कि यदि हम ठान लें, तो दुनिया की कोई भी चुनौती हमें रोक नहीं सकती।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Topics: paralympic games 2024पेरिस पैरालंपिकप्रीति पालPreethi Palparis paralympics 2024track eventट्रैक स्पर्धाParis Paralympics Race
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

सफलता की कहानी : झुके नहीं, डरे नहीं, हौसले की उड़ान से नवदीप ने लिख दी सुनहरी कामयाबी

पेरिस पैरालंपिक 2024 : भारत का ऐतिहासिक प्रदर्शन, 7 स्वर्ण समेत कुल 29 पदक हासिल

होकाटो होटोज़े सेमा

Paris Paralympics : होकाटो होटोज़े सेमा ने कांस्य जीता, भारत को मिला 27वां पदक

पेरिस पैरालंपिक 2024: ‘क्लब थ्रो’ में भारत का डबल धमाका, धर्मबीर और प्रणव की जीत युवाओं के लिए प्रेरणा

हरविंदर सिंह ने पेरिस पैरालंपिक में जीता स्वर्ण  पदक

हरविंदर सिंह: डेढ़ साल की उम्र में पैरों से हो गए दिव्यांग, हौंसलों से इतिहास रचकर पेरिस पैरालंपिक में जीता स्वर्ण

सुहास यथिराज: पेरिस पैरालिंपिक 2024 के विजेता और भारतीय पैरा-बैडमिंटन के चमकते सितारे

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies