आखिर ये कट्टरपंथ और ये जुनून कहां से आया? ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई के इस बयान पर आप यही कहेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि जहां पूरी दुनिया बढ़ती जनसंख्या से जूझ रही है तो वहीं ईरान नेता अली खामनेई देश में जनसंख्या को बढ़ावा देने की कोशिशें कर रहे हैं। खामनेई ने ईरान के स्वास्थ्य मंत्री को जनसंख्या वृद्धि में हो रही रुकावटों को खत्म करने का निर्देश दिया है।
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ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, अली खामनेई द्वारा जनसंख्या को बढ़ावा देने की कोशिश से महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वतंत्रता पर बुरा असर होगा। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ईरान की जनसंख्या को और अधिक बढ़ाने के लिए जिस तरह से खामनेई जुनूनी हो गए हैं, उससे महिलाओं और बच्चों की अनदेखी करने वाली नीतियां सामने आ रही हैं। हाल ही में खामनेई ने राष्ट्रपति मसूद पजेशकियान की कैबिनेट के साथ बैठक की थी। उस दौरान खामनेई ने निर्देश जारी किया, जिसमें समय से पहले जनसंख्या की उम्र बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने नव नियुक्त स्वास्थ्य मंत्री मोहम्मदरेजा जफरगंडी को इन नीतियों को क्रियान्वित करने का आदेश दिया।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि वर्ष 2021 के निर्देश के बाद जनसंख्या का कायाकल्प और परिवार की सुरक्षा (RPPF) कानून ईरान में लागू किया गया था। इसी कानून के तहत ईरान भर के स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल और शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। ईरानी सरकार के नए नियम के तहत गर्भनिरोधक वस्तुओं के इस्तेमाल को अपराध की श्रेणी में रखा गया था। इसके तहत नसबंदी और गर्भावस्था की जांच पर भी कठोर प्रतिबंध लगा दिया था।
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आरपीपीएफ के तहत गर्भनिरोधक वितरण के सभी तरीकों पर रोक लगा दी गई है। इन सभी तरह की चीजों के इस्तेमाल की सिफारिशों को अपराध माना गया है। हालांकि, ईरान की जनसंख्या वृद्धि दर दो साल पहले 1.23 प्रतिशत से नीचे गिरकर 0.6 प्रतिशत हो गई है। यह 1984 में देखी गई 4.21 फीसदी की दर से बिल्कुल अलग है।
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