देहरादून: कॉर्बेट सिटी रामनगर में जनसंख्या असंतुलन और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की खबर इन दिनों चर्चा में है। सोशल मीडिया में रामनगर को रहमतनगर में तब्दील होता बताया जा रहा है। ये बात सच भी है कि रामनगर में पिछले कुछ सालो में मुस्लिम आबादी अप्रत्याशित रूप से बढ़ती जा रही है। सरकारी भूमि पर कब्जे करने और फिर उसको खुर्दबुर्द करने का षड्यंत्र रचा गया है। बाहरी राज्यों से आए मुस्लिम यहां कब्जे कर रहे हैं।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कॉर्बेट सिटी रामनगर के कोसी नदी किनारे हो रहे अतिक्रमण और भू माफियाओं की सक्रियता को देखते हुए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसके बाद से यहां पुछड़ी क्षेत्र में प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है।
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पुछड़ी वो बस्ती है जो कोसी नदी किनारे अवैध रूप से बस गई है और यहां स्टांप पेपर पर जमीनों की खरीद फरोख्त भू माफिया कर रहे हैं, जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। वन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस के अधिकारियों का इस क्षेत्र में रोजाना चक्कर लगा रहे हैं। वन विभाग द्वारा अवैध रूप से बसे लोगों को कब्जे खाली करने के नोटिस जारी किए गए है। साथ ही मुनादी भी कराई जा रही है कि वो अपने मकान खाली कर दे।
पिछले कुछ सालों से कॉर्बेट सिटी राम नगर को रहमत नगर बनाए जाने के षड्यंत्र रचे जा रहे हैं, खास तौर पर कोसी नदी किनारे पुछड़ी बस्ती में बाहर से आए मुस्लिम अवैध कब्जे कर रहे हैं और यहां 100 के स्टांप पेपर पर वन विभाग की जमीन को खुर्दबुर्द करने में लगे हुए हैं।
कॉर्बेट सिटी रामनगर उत्तराखंड के सबसे बड़े पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां रोजाना हजारों पर्यटक आते है। रामनगर मुख्यत: एक फल पट्टी क्षेत्र भी है जहां लीची आम अमरूद और अन्य फसलों की बंपर पैदावार होती है। रामनगर से बहने वाली कोसी नदी में खनन का काम होता है, जिसके लिए मजदूर, डंपर चालक बाहरी राज्यों से आकर यहां झोपड़ी बनाकर रहते है, ये लोग बरसात शुरू होते ही खनन का काम बंद होने पर वापिस चले जाते थे।
किंतु, कांग्रेस शासन काल में जब बस्तियों को नियमित करने के निर्णय हुए तो ये लोग यहीं बस्ती बनाकर बस गए। इनमें 90 फीसदी मुस्लिम थे। अब पन्द्रह साल होने पर ये लोग यहां के निवासी होने का दावा कर वोटर लिस्ट में अपने नाम चढ़ावा रहे है और स्थानीय कांग्रेस और मुस्लिम नेता इनको संरक्षण दे रहे हैं। जबकि, ये नदी किनारे फॉरेस्ट रिजर्व एरिया घोषित है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर वन प्रभाग क्षेत्रांतर्गत अपर कोसी आरक्षित वन क्षेत्र में कतिपय व्यक्तियों द्वारा अवैध अध्यासन किये जाने, सरकारी भूमि पर कब्जा किये जाने एवं स्टाम्प पेपरों में भूमि को क्रय-विक्रय कर सरकारी भूमि पर कब्जा किये जाने की विभिन्न माध्यमों से शिकायतें प्राप्त होने पर प्रकरण की एसआईटी जांच के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल द्वारा एसडीएम रामनगर से प्रारंभिक जांच करवाई गई थी।
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एसडीएम द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट, नैनीताल द्वारा शासन को आख्या उपलब्ध कराई गई। इसी आख्या के क्रम में वन भूमि/राजस्व भूमि पर अवैध कब्जा किये जाने, स्टाम्प पेपरों के माध्यम से राजकीय भूमि का क्रय-विक्रय किये जाने तथा प्रकरण में आर्थिक अपराध सहित अन्य अपराध भी सम्मिलित होने की संदिग्धता के दृष्टिगत प्रकरण में विशेष जाँच दल (S.I.T.) से जांच कराये जाने के संबंध में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं।
बहरहाल इंतजार इस बात का है कि एसआईटी जांच के बाद और वन विभाग के साक्ष्यों के आधार पर फॉरेस्ट रिजर्व एरिया से ये अतिक्रमण कब तक हटाया जाएगा।
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