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राजस्थान: गाय की कटी पूंछ हनुमान मंदिर के बाहर रखकर माहौल बिगाड़ने की रची थी साजिश, मुस्लिम बबलू शाह गिरफ्तार

Published by
Kuldeep singh

राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में जन्माष्टमी से एक दिन पूर्व हनुमान मंदिर के बाहर गाय की पूंछ काटने की घटना में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी मुस्लिम युवक बबलू शाह के अलावा चार संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है। इनकी भूमिका की जांच की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि रविवार 25 अगस्त को गांधीसागर तालाब के पास वीर हनुमान मंदिर के परिसर में गाय की कटी पूंछ मिलने की सूचना से पूरे शहर में सनसनी फैल गई थी। इस घटना से धार्मिक भावनाएं भड़काने और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की आशंका बढ़ गई थी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और पुलिस ने तुरंत हरकत में आकर मामले की जांच शुरू कर दी। इसको लेकर शहर में तनाव का माहौल बन गया था। हिन्दू समाज की ओर से मामले में आरोपियों को पकड़ कर कार्रवाई करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन हुआ। इसमें लाठी चार्ज तक किया गया। इस दौरान प्रदर्शन कर तोड़-फोड़ करने के मामले में दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।

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जिला पुलिस अधीक्षक, राजन दुष्यंत ने बुधवार देर शाम को मामले का खुलासा करते हुए कहा कि इस वारदात के मुख्य आरोपी हुसैन कोलोनी भीलवाड़ा निवासी बबलू शाह पुत्र निसार मोहम्मद शाह फकीर को आज गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी मामले में चार अन्य को हिरासत में लिया गया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी ने घटना को अंजाम देने की बात कबूल कर ली है। पुलिस ने आरोपी के पास से घटना के समय पहने गए कपड़े और वारदात में इस्तेमाल किए गए चाकू को भी बरामद कर लिया है।

जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस मामले की जांच को बेहद गंभीरता से लिया गया क्योंकि यह एक संवेदनशील मामला था। उन्होंने बताया कि सभी टीमें सक्रियता से काम कर रही हैं और हम सुनिश्चित करेंगे कि इस मामले में दोषी किसी भी प्रकार से बच न पाएं। उन्होंने बताया कि आगे की जांच जारी है और पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि इस घटना के पीछे छिपे हर मंसूबे को बेनकाब किया जाए।

जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विमल सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। टीम में वृत्ताधिकारी अशोक जोशी, श्यामसुंदर, और सुश्री मेघा गोयल सहित शहर के विभिन्न थानों के अधिकारी और साइबर सेल के सदस्य शामिल थे।

एसपी दुश्यंत ने बताया कि मामले के खुलासे के लिए गठित टीमों ने सबसे पहले घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और घटनास्थल के आसपास लगे 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के पिछले दो दिनों के फुटेज का विश्लेषण किया। इसके अलावा, पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों के मोबाइल बीटीएस डेटा को भी खंगाला ताकि घटना के समय के संदिग्धों की आवाजाही का पता लगाया जा सके।

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घटनास्थल और उसके आस-पास के क्षेत्रों में गौवंश को नुकसान पहुंचाने वाले पहले से ही सूचीबद्ध अपराधियों की भी पहचान की गई। सीसीटीवी फुटेज में दिखाई देने वाले संदिग्धों की पहचान के लिए डोर-टू-डोर सर्वे करवाया गया। इसके साथ ही पारंपरिक पुलिसिंग के तहत मुखबिरों से भी सूचना संकलित की गई। पुलिस ने चार अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है और उनकी भूमिका की गहनता से जांच की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन संदिग्धों का इस अपराध में क्या योगदान था और क्या इस घटना के पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र था।

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