देहरादून। हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा मामले में 50 आरोपियों को नैनीताल हाई कोर्ट से बुधवार को जमानत मिल गई। इनमें 6 महिलाएं भी शामिल हैं। मामले में मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक की पत्नी साफिया की जमानत पहले ही हो चुकी है।
हाई कोर्ट में इन आरोपियों के पैरवी करने के लिए दिल्ली से जमीयत उलेमा ए हिंद के द्वारा वकीलों की टीम भेजी गई थी। 8 मार्च को हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक टीम पर जानलेवा हमला करने, पुलिस थाना और वाहन फूंकने के आरोप में 107 लोगों को जेल भेजा गया था। इसमें से आज 50 लोगों को जमानत दे दी गई।
इस मामले की सुनवाई के दौरान आरोपियों की पैरवी करने दिल्ली के वरिष्ठ वकील नित्या रामा कृष्णन और उनकी टीम नैनीताल हाई कोर्ट आई थी। इन्हें जमीयत उलेमा ए हिंद के द्वारा भेजा गया था।
जानकारी के मुताबिक 5 दिन पूर्व वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की पीठ ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर आज फैसला सुनाते हुए 50 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का फैसला सुनाया गया है।
अभी मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक और उसके बेटे को जमानत नहीं मिली है। आरोपियों का कहना था कि 90 दिन बाद भी पुलिस द्वारा उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया जा सका है और न ही रिमांड बढ़ाने का कोई ठोस कारण पेश किया गया है, इसलिए उनकी जमानत मंजूर की जानी चाहिए। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने जमानत याचिका स्वीकार कर ली।
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