पंजाब

मुआवजा मिलने के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण में बाधा बन रहे किसान

Published by
राकेश सैन

पंजाब में किसान संगठनों का नक्सली चेहरा सामने आया है, किसान संगठनों की शह पर कुछ किसान मुआवजा मिलने के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जमीनें नहीं दे रहे। इस पर पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।

जमीन पर कब्जा न मिलने की वजह से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के रुके प्रोजेक्टों को लेकर पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही पंजाब पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया कि जा लोग मुआवजा जारी होने के बावजूद जमीन पर कब्जा लेने में बाधा बन रहे हैं उनके खिलाफ सख्ती से निपटने की व्यवस्था करें। न्यायालय ने दो सप्ताह के भीतर कब्जा दिलाने से जुड़ी रिपोर्ट सौंपने का मुख्य सचिव को भी दिया है।

एनएचएआई ने न्यायालय में याचिका दाखिल करते हुए भारतमाला परियोजना के तहत मेमदपुर (अंबाला)-बनूड़ (आईटी सिटी चौक)- खरड़ (चंडीगढ़) गलियारे के लिए भूमि के संबंध में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को चुनौती दी थी। बताया था कि भूमि न मिलने से दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे, लुधियाना रूपनगर से खरड़ हाईवे व लुधियाना-बठिंडा राजमार्ग का कार्य लंबित हैं।

न्यायालय ने गत वर्ष अक्तूबर में आदेश दिया था कि एनएचएआई संबंधित अधिकारी को अधूरी/लंबित परियोजनाओं की सूची उपलब्ध कराए और मुख्य सचिव सक्षम प्राधिकारी को एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश जारी करें। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि दो महीने के भीतर जमीन का कब्जा एनएचएआई को दिलाया जाए। अब न्यायालय में आवेदन दाखिल कर एनएचएआई ने बताया है कि न्यायालय के आदेश के बावजूद पंजाब में भूमि का कब्जा नहीं दिलाया जा रहा है।

न्यायालय को बताया गया कि 34193 करोड़ की लागत के 897 किलोमीटर दूरी वाले 26 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के लिए अभी तक 100 प्रतिशत भूमि का कब्जा नहीं मिला है। साथ ही 13190 करोड़ की लागत वाले 391 किलोमीटर के 10 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के लिए अभी 80 प्रतिशत भूमि प्राप्त नहीं हुई है। भूमि की अनुपलब्धता के कारण कुछ अनुबंध रद्द भी करने पड़े हैं और इसके लिए ठेकेदार को ठेके की राशि का एक प्रतिशत भुगतान भी करना पड़ा है। इसके साथ ही बहुत से ऐसे मामले हैं जिनके लिए भूमि मुआवजा तय किया जा चुका है और सरकार को 4104 करोड़ रुपये जमा करवाने के बावजूद भूमि का कब्जा नहीं दिया गया है।

अब इस मामले में न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि किसानों से भूमि का कब्जा एनएचएआई को दिलाया जाए। यदि कोई इस काम में बाधक बनता है तो उससे निपटने के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया करवाए जाएं।

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