कोलकाता में डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में जहां पूरे देश में आक्रोश है, वहीं महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बंगाल सरकार का शर्मनाक रवैया भी सभी को दिख गया। अब राष्ट्रपति का बयान भी सामना आया है। उन्होंने इस घटना पर गहरा चिंता प्रकट की है। यहां तक कह दिया कि अब बहुत हुआ, मैं निराश और भयभीत हूं। राष्ट्रपति के इस बयान के बाद लोग बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहे हैं।
कोलकाता में डॉक्टर बिटिया से दरिंदगी के बाद बंगाल में रोज प्रदर्शन हो रहे हैं। ममता सरकार के अल्टीमेटम के बाद भी लोग पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उतर रहे हैं। ममता बनर्जी ने विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। यहां तक कह दिया था कि जो तिरंगा लिए हुए हैं वे भाजपा के लोग हैं। जब वह सड़क पर उतरीं तो लोगों ने पूछा कि वह आखिर किसके खिलाफ सड़कों पर उतरीं। अब राष्ट्रपति के बयान के बाद लोग बंगाल सरकार को घेर रहे हैं।
इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाकर कानून-व्यवस्था को दुरुस्त किया जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर मांग उठ रही है कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए। सोशल मीडिया पर लोग कमेंट कर रहे हैं।
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क्या कहा राष्ट्रपति ने
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कोलकाता की घटना पर पहली बार बयान दिया। उन्होंने कहा कि बेटियों के खिलाफ इस तरह के अपराध मंजूर नहीं है। मैं निराश और भयभीत हूं। कोई भी सभ्य समाज अपनी बहन और बेटियों के साथ इस तरह के अत्याचार को बर्दाश्त नहीं कर सकता है। इस घटना पर डॉक्टर, छात्र और नागरिक प्रदर्शन कर रहे थे जबकि अपराधी कहीं और घूम रहे थे। अब बहुत हुआ। समाज को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने यह बात कही।
https://Twitter.com/Gulam_Raza_/status/1828740887825768595
गौरतलब है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और उसके बाद निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। इसमें शुरुआत से मेडिकल कॉलेज प्रशासन और पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया। मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
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