नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) ने 28 अगस्त 2024 को अपने 10 वर्ष पूरे कर लिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर बताया कि इस योजना के तहत 53.13 करोड़ जन धन खाते खोले गए हैं, जिनमें कुल जमा राशि 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 3 करोड़ नए जन धन खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया है। योजना की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को हुई थी, जिसका उद्देश्य गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों को वित्तीय सेवाओं का लाभ पहुंचाना था।
इस योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि 80% खाते सक्रिय हैं । इनमें से 55.6% महिला खाताधारक हैं। 66.6% खाते ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं, जिससे आर्थिक विकास में सहायता मिली है। 2015 में औसत बैलेंस 1,065 रुपये था, जो अब बढ़कर 4,352 रुपये हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक बताया है। उन्होंने कहा कि जन धन खाते न केवल बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच प्रदान करते हैं बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ सीधे खातों में पहुंचाने में भी मदद करते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान इस योजना ने नागरिकों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस योजना के अंतर्गत खाताधारकों को 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और 30,000 रुपये का जीवन बीमा भी मिलता है। जन धन खाते खोलने के लिए न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता भी नहीं होती है। यह योजना विशेष रूप से गरीबों के लिए लाभकारी है।
इस मौके पर सरकार ने “जन धन 10/10 चैलेंज” नामक एक विशेष क्विज का आयोजन किया है, जिसमें नागरिक पुरस्कार जीतने के लिए प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं। यह योजना न केवल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देती है बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को भी सशक्त बनाती है।
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