उत्तर प्रदेश का गेस्टहाउस कांड तो सभी को याद ही होगा, जब सपा के गुंडों ने मायावती पर हमला किया था। 29 साल पुराने मामले का जिक्र करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि जब सपा के गुंडों ने उन पर हमला किया था, केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन फिर भी उसने कुछ नहीं किया। वो चुप बैठी थी।
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वो तो उत्तर प्रदेश राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए शाजिश रचती रही। उस वक्त बीजेपी समेत विपक्ष ने मानवता दिखाते हुए सपा के गुंडों से बचाने के लिए अपना दायित्व निभाया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में सपा-कांग्रेस और बसपा के गठबंधन को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि वो इस बार सपा के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने इसको लेकर एक एक्स पोस्ट में कहा कि सपा, जिसने 2 जून 1995 में BSP के अपना समर्थन वापिस लेने पर पर उनपर हमला कराया गया था।
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बसपा प्रमुख ने कहा कि केंद्र रही कांग्रेस सरकार ने भी समय से अपना दायित्व नहीं निभाया था। तभी फिर कांशीराम जी को अपनी बीमारी गम्भीर हालत में हॉस्पिटल छोड़कर रात को इनके गृह मंत्री को भी हड़काना पड़ा। विपक्ष ने भी संसद को घेरा, तब जाकर यह कांग्रेसी सरकार हरकत में आई थी। कांग्रेस की भी नीयत खराब थी।
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