मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में सिटी कोतवाली थाने पर अभी हाल ही में हुए इस्लामिक भीड़ के हमले को लेकर एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं । ताजा मामले में सामने आया है कि मौलाना इरफान चिश्ती ने एक वीडियो ‘रसूल’ के नाम पर जारी कर मुसलमानों को भड़काने का काम किया और हर किसी को थाने पहुंचकर एफआईआर करने के लिए पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए कहा। साथ ही यह भी निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार का आवेदन इस बार नहीं दिया जाएगा।
दरअसल, यह घटना के पहले का वीडियो शनिवार को सामने आया है। जिसमें मौलाना को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लोगों को उकसाते हुए साफ देखा जा सकता है । इस मौलाना ने सिटी कोतवाली थाने पर हुए हमले के एक दिन पहले वीडियो जारी कर लोगों से कहा था कि जो शख्स इसमें शामिल नहीं होगा, उसे ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकालने का कोई हक नहीं। पुलिस ने भड़काऊ वीडियो मिलने के बाद मौलाना इरफान चिश्ती को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया है।
इरफान चिश्ती बोला- जो लोग आन्दोलन में शामिल नहीं होंगे, उन्हें ईद के जुलूस में भी शामिल होने का कोई हक नहीं
वीडियो में इरफान चिश्ती कह रहा है, “महाराष्ट्र में गिरिराज नामक व्यक्ति ने हमारे आका की शान में सख्त गुस्ताखियां की हैं। इसलिए रात में एक मीटिंग हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि 21 अगस्त को मस्तान शाह के मैदान में शहर के लोग इकट्ठा होंगे और उस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। हमारा फैसला है कि इस बार हम सिर्फ ज्ञापन नहीं देंगे, बल्कि एफआईआर ही दर्ज कराएंगे।” चिश्ती आगे कहता है, “यह मामला 15 अगस्त का है। जिला नासिक में एक व्यक्ति ने हमारे आका के खिलाफ एक प्रवचन के दौरान गुस्ताखियां की हैं। अगर हम इस बार इकट्ठा होकर सख्त कार्रवाई नहीं करेंगे, तो हमें ईद के जुलूस में शामिल होने का कोई अधिकार नहीं होगा। जो लोग इसमें शामिल नहीं होंगे, उन्हें ईद के जुलूस में भी शामिल नहीं होना चाहिए।”
घटना को अंजाम देने के पहले हर मुस्लिम घर दो दिन पहले पहुंचा दी गई थी सूचना
इसके अलावा सिटी कोतवाली में बुधवार को हुई पत्थरबाजी की घटना अन्य कई बड़े खुलासे भी सामने आ रहे हैं। इस पूरी घटना को लेकर लंबी साजिश और बड़ा प्लान बताए जाने का पता चला है । आरोपितों ने घटना को अंजाम दिए जाने के 2-3 दिन पहले घर-घर मौखिक सूचना पहुंचाई गई थी । घटना को अंजाम दिए जाने के लिए बाहर से भी पत्थरबाज एवं अन्य मुसलमानों की भीड़ बुलाई गई थी, जिनमें से कई लोगों की रुकने की व्यवस्था होटलों में की गई थी। जब पूर्व सदर और वर्तमान सदर के नेतृत्व में इस्लामिक भीड़ कोतवाली पहुंचीं, जब तक वहां मौजूद पुलिस स्थिति को समझत पाती तब तक तो इस भीड़ ने पहले ही पत्थरबाजी शुरु कर दी और भीड़ का लाभ उठाते हुए वहां से भाग खड़े हुए।
अब इस मौलाना इरफान चिश्ती के वीडियो के सामने आने के बाद स्थिति का सहज अंदाजा लग रहा है कि प्लानिंग कितनी बड़ी और कितने स्तर पर बनाई गई होगी। पुलिस भी कई एंगल से अपनी छानबीन कर रही है। फिर पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद, मौलाना इरफान चिश्ती ने यह स्वीकार कर लिया है कि पथरबाजी की घटना कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई थी। उसका कहना रहा कि इस घटना का असर पूरी मुस्लिम समुदाय पर पड़ा है।
पुलिस ने 29 आरोपियों को जेल भेजा, मुख्य साजिशकर्ता अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
एसपी अगम जैन का कहना है कि छतरपुर शहर में शांति बनी रहे, इस बात का पुलिस-प्रशासन पूरा ध्यान रख रहा है । हम साजिशकर्ताओं को चिन्हित कर उन्हें पकड़ने का काम कर रहे हैं। इसमें जोभी संलिप्त होगा वह फिर कोई भी बना रहे, सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी। इस बीच प्रशासन ने 16 आरोपियों के शस्त्र लाइसेंस भी निलंबित कर दिए हैं। पुलिस ने 29 आरोपियों को जेल भेजा है, लेकिन सभी मुख्य साजिशकर्ता अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर बने हुए हैं । फिलहाल कोतवाली में तीन दर्जन से अधिक आरोपतों से पूछताछ चल रही है। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक पूरी बारीकी से आरोपितों की अवैध संपत्तियों की जांच करवा रहे हैं। ताकि उन्हें भी मिट्टी में मिलाया जा सके।
पुलिस की एफआईआर से इन लोगों के नाम आए सामने
दूसरी ओर थाने पर हुए चारो ओर से हुए पथराव को लेकर प्रथम सूचना तथ्य में कई खुलासे पुलिस ने किए हैं। यह रिपोर्ट उप निरीक्षक राहुल तिवारी थाना कोतवाली छतरपुर की ओर से लिखवाई गई है। इसमें बताया गया है कि कैसे 21 अगस्त दोपहर मुस्लिम समुदाय के लोग भीड़ में थाने के भीतर घुस आए थे । जिन लोगों के नाम स्पष्ट रूप से इसमें लिखे हैं, उनमें शहर सदर जावेद अली के साथ पूर्व सदर शहजाद हाजी का नाम तो है ही अन्य नामों में अनजान उर्फ अंजार राईन, यूसुफ, अरमान, जुगनू बान उर्फ गुलाम, सोनू खान, रफत खान, यूसुफ जरेला, यूसुफ बाबा, तौफीक, जावेद उर्फ मुंट, मुकीम, यूसुफ का भाई राजा, आजाद राईन, लकी, इरफान, मेहताब, रिजवान बांन, अहमद चोधरी, सदाम, महफूज, आजाद अली पार्षद वार्ड न, मौलाना इरफान चिश्तीन, पूर्व सदर शहजाद हाजी का लड़का सोनू एवं मोनू खांन, नाजिम चौधरी, मौलाना इरफान, तबरेज थान मुक्तियार स्विमिंग पूल वाला, बिलाल खांन पिता नस्से खान नौगांव रोड़, मोहम्मद जुनैद सईम तुत्तल, के घर के सामने, तारिफ अली निवासी नया मोहल्ला, शकील सौदागर निवासी परवारी मोहल्ला, सलमान खान, अजान खांन कपड़े की दुकान उपभोक्ता भंडार के पास, फैजान खान नि. नया मोहल्ला, अल्तमेश राईन, अलपेश राईन, सेहबाज चौधरी, सद्द पिता जुम्मन खान, नईम खांन, फिरोज पठान, मुदस्सर फर्नीचर की दुकान वाला, दानिश पिता इदरीश खान, जीशान पिता इशरत खांन के नाम शामिल हैं।
पुलिस स्टाफ से हथियार, आंसू गैस छीनने का हुआ प्रयास इस्लामिक भीड़ में बड़ी संख्या में शामिल थे बच्चे
इसमें बताया गया है कि अन्य 100-150 से अधिक लोग जिसमें अनेक अवयस्क बालकों को भी साथ लाया गया था, उन सभी ने थाना परिसर में अपने समुदाय के लोगों के साथ पूर्व योजना अनुसार डंडा, पत्थर, लोहे की राड, तलवार छिपाकर थाना परिसर में ये सभी लेकर आए थे। ज्ञापन देने के नाम पर अंदर आए और फिर नारेबाजी करते हुए सीधे इन्होंने पुलिस एवं अन्य अधिकारियों पर हमला कर दिया। यह हमला बहुत ही सुनियोजित तरीके से लाये गये डंडा, पत्थर, लोहे की राड़, एवं धारदार हथियारों से थाना प्रभारी निरीक्षक अरविन्द कुजूर, मेरे एवं उपस्थित स्टाफ के ऊपर जान से मारने की नियत से जानलेवा हमला था ।
जिसमें कि थाना प्रभारी निरीक्षक अरविन्द कुजूर के सिर एवं दाहिने हाथ में गम्भीर चोटे आईं। अन्य कई लोगों के सिर-हाथ, पैर एवं शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आईं और खून तक बहने लगा। इतना ही नहीं, जब पुलिस ने इस उन्मादी भीड़ को रोकने का प्रयास किया तो ये भीड़ पुलिस स्टाफ से हथियार व हेल्मेट, डंडा, बाडीगार्ड, असू गैस छीनने के प्रयास में जुट गई और गाडियों के साथ तोड़फोड़ करने लगी । कई गाड़ियों को भारी नुकसान पहुंचा है। साथ ही अन्य अधिक मात्रा में शासकीय संपती को नुकसान पहुंचाया गया है ।
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