संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने उम्मीद व्यक्त की है कि मोदी ही यूक्रेन तथा रूस के बीच जारी जंग को खत्म कराने में मददगार रहेंगे। गुतेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक से पत्रकारों ने मोदी की यूक्रेन यात्रा पर सवाल किए, जिनके जवाब में दुजारिक का कहना था कि हमने कई राष्ट्राध्यक्षों तथा सरकार के प्रमुखों को इस क्षेत्र के दौरे करते देखा है। उम्मीद है कि ये सभी यूएन के प्रस्तावों, अंतरराष्ट्रीय कानूनों तथा क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखते हुए इस संघर्ष का अंत करेंगी।
पोलैंड के अपनी दो दिन के दौरे के बाद, 10 घंटे की रेल यात्रा करके भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक दिन के लिए कल यूक्रेन में थे। उनके यूक्रेन दौरे पर उस देश की ही नहीं, बल्कि रूस सहित दुनिया के लगभग सभी बड़े देशों में गजब की उत्सुकता थी। शांति और समन्वय की वकालत करने वाले एक वैश्विक नेता के नाते मोदी को देखा जाता है इसलिए रूस—यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के किसी प्रधानमंत्री के पहली बार कीव जाने का विशेष महत्व ही था। मोदी की यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से आत्मीय भेंट और संदेश आज पूरी दुनिया में सराहा जा रहा है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने जो बयान जारी किया है वह दिखाता है कि आज मोदी और भारत का विश्व में कितना महत्व हो गया है।
मोदी का यूक्रेन का दौरा इसलिए भी खास रहा क्योंकि अभी छह हफ्ते पहले उन्होंने मॉस्को जाकर राष्ट्रपति पुतिन से भेंट की थी और वहां भी उन्होंने युद्ध की बजाय बातचीत के रास्ते समस्या सुलझाने की वकालत की थी। यूक्रेन में जेलेंस्की के सामने मोदी ने जो कहा, वे शब्द तो सोशल मीडिया पर वायरल हो ही रहे हैं। मोदी ने 140 करोड़ देशवासियों की ओर से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बुद्ध और महात्मा गांधी के देश के लोग युद्ध में नहीं शांति में विश्वास रखते हैं। भारत हमेशा एक पक्षकार की तरह शांति के प्रयासों में अपनी भूमिका निभाने को तैयार है और रहेगा।
भारत के प्रधानमंत्री के ऐसे बयान को सुनकर ही शायद संयुक्त राष्ट के महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने यह कहा कि मोदी शांति प्रयासों में विशेष भूमिका निभा सकते हैं। विशेष रूप से मोदी के इस यूक्रेन दौरे के बाद संयुक्त राष्ट्र को उम्मीद बंध गई है कि अब यूक्रेन में जल्दी ही शांति आ सकती है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने उम्मीद व्यक्त की है कि मोदी ही यूक्रेन तथा रूस के बीच जारी जंग को खत्म कराने में मददगार रहेंगे। गुतेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक से पत्रकारों ने मोदी की यूक्रेन यात्रा पर सवाल किए, जिनके जवाब में दुजारिक का कहना था कि हमने कई राष्ट्राध्यक्षों तथा सरकार के प्रमुखों को इस क्षेत्र के दौरे करते देखा है। उम्मीद है कि ये सभी यूएन के प्रस्तावों, अंतरराष्ट्रीय कानूनों तथा क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखते हुए इस संघर्ष का अंत करेंगी।
यहां यह ध्यान रखना होगा कि रूस के यूक्रेन पर हमले की शुरुआत से ही प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर और व्यक्तिगत रूप से संपर्क में रहे हैं। अभी मार्च में भी मोदी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि उन्होंने जेलेंस्की से शांति की सभी कोशिशों और तनाव को जल्दी दूर करने के प्रति भारत के सतत समर्थन से परिचित कराया था।
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