पिछले दशक में डिजिटलीकरण के प्रभाव से लोग ऑनलाइन लेनदेन के प्रति अधिक जागरूक हुए हैं और इसका उपयोग तेजी से बढ़ा है। इस प्रक्रिया में, यूपीआई लेनदेन की लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ी है। इसका प्रमुख कारण यह है कि यूपीआई भुगतान प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाता है।
ऑटो पे रिक्वेस्ट के कारण हो रही धोखाधड़ी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन के साथ, कई लोग अपनी सुविधा के लिए ऑटो पे (Automatic Payment) विकल्प का उपयोग करते हैं। हालांकि, इस सुविधा के कारण कभी-कभी धोखाधड़ी के मामले भी सामने आते हैं, जिनमें अनजाने में या धोखे से किसी के खाते से पैसे कट सकते हैं। आइए, इस पर विस्तार से चर्चा करें।
ऑटो पे एक ऐसी सुविधा है जिसमें आपके बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट से नियमित रूप से भुगतान स्वचालित रूप से किया जाता है। इसे सेट करने के बाद, आपको हर बार मैन्युअली भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ती। उदाहरण के लिए, बिजली का बिल, मोबाइल रिचार्ज, या किसी सेवा की मासिक सदस्यता के लिए ऑटो पे का उपयोग किया जा सकता है।
ऑटो पे सुविधा के दुरुपयोग से कई तरह की धोखाधड़ी हो सकती है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं-
कुछ वेबसाइट या ऐप्स आपको बिना आपकी जानकारी के किसी सदस्यता योजना में जोड़ सकते हैं। इसके बाद, आपके खाते से नियमित रूप से पैसा कटता रहता है।
कभी-कभी, धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति या संगठनों द्वारा आपके खाते से पैसे काटने के लिए फर्जी बिलिंग की जाती है।
अगर आपके बैंक या डिजिटल वॉलेट की सुरक्षा में कोई चूक होती है, तो धोखेबाज आपके खाते से पैसे काट सकते हैं।
धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ सरल लेकिन महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं-
हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आप जिस सेवा के लिए ऑटो पे सेट कर रहे हैं, वह विश्वसनीय है।
नियमित रूप से अपने बैंक खाते और डिजिटल वॉलेट के स्टेटमेंट की जांच करें। अगर किसी भी अनधिकृत लेन-देन का पता चलता है, तो उसे तुरंत रिपोर्ट करें।
अपने खाते की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और नियमित रूप से उसे बदलते रहें। दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) का उपयोग भी धोखाधड़ी से बचाव के लिए सहायक हो सकता है।
अगर आपको कोई सेवा नहीं चाहिए, तो उसके लिए ऑटो पे विकल्प बंद कर दें।
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