कोलकाता रेप केस में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शनों के बाद कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल अस्पताल की नव नियुक्त प्रिंसिपल सुहृता पॉल को उनके पद से हटा दिया गया है। उनके साथ ही अस्पताल के सुपरिटेंडेंट, एडिशनल सुपरिटेंडेंट और चेस्ट डिपार्टमेंट के एचओडी समेत 4 अधिकारियों को भी हटाया गया है।
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बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से प्रदर्शनकारी छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य भवन में अधिकारियों से मुलाकात की थी। उसा के बाद ये कार्रवाई की गई है। यहीं नहीं मुख्यमंत्री ने नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में डॉ. संदीप घोष की नियुक्ति भी रद्द कर दी है।
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द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट आरजी कर अस्पताल की अधीक्षक बुलबुल मुखोपाध्याय और चेस्ट मेडिसिन विभाग के एचओडी अरुणव दत्ता चौधरी को हटाए जाने के बाद अब अस्पताल में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तैनाती की गई है। बताया जा रहा है कि सीआईएसएफ की तैनाती के बाद से अस्पताल में हालात अब धीरे-धीरे नॉर्मल हो रहे हैं। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि जब तक जूनियर डॉक्टर की रेप और हत्या के असली दोषियों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता है, वे लोग अपने विरोध पर अडिग हैं।
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प्रदर्शनकारियों ने सवाल किया है कि आरजी कर मेडिकल अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को आखिर क्यों बचाया जा रहा है। गौरतलब है कि 9 अगस्त को जूनियर रेसिडेंट डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद से लगातार प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
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