फिलीपींस का समय तक दर्ज कराते हुए साफ कहना है कि ने उसके जहाज केप एंगानो और एक चीनी तटरक्षक जहाज के बीच सोमवार की भोर में टक्कर हुई थी। इसके करीब 16 मिनट के बाद, किसी अन्य चीनी तटरक्षक जहाज ने फिलिपींस के तटरक्षक जहाज बागाके को ‘दो बार टक्कर मारी’।
तीन दिन से दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन का दुष्प्रचार तंत्र रात—दिन एक किए हुए है। उस समुद्र को अपनी संपत्ति मान बैठा कम्युनिस्ट विस्तारवादी देश शायद भूल गया है कि इससे अन्य देशों के हित भी बंधे हुए हैं और यहां से कौन आएगा—जाएगा इस पर बीजिंग की थानेदारी नहीं चलेगी। ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब चीन और फिलिस्तीन के बीच तनाव कम करने तथा सागर में आपसी मतभेदों को मिटाने को लेकर एक मोटी सहमति बनी थी कि अब गत सोमवार को फिलिपींस के एक जहाज और चीनी तटरक्षक जहाज में हल्की सी भिड़ंत से दोनों ने एक बार फिर से तलवारें खींच ली हैं।
चीनी तटरक्षक की ओर से बयान जारी करके कहा गया कि फिलिपींस के एक जहाज ने उसकी अनेक चेतावनियों को अनसुना करते हुए ‘अनपेक्षित तथा खतरनाक’ तरीके से चीनी जहाज से ‘जानबूझकर टकराया।’ चीन इस सागर को ‘विवादित’ बताता आया है।
उसी दिन से चीन ने हर ओर बस एक ही शोर मचाया हुआ है कि फिलिपींस ने जानबूझकर चीनी जहाज को टक्कर मारी है। जबकि फिलिपींस ने उलटे चीन के तटरक्षक जहाज को टक्कर का जिम्मेदार ठहराया है। आरोप—प्रत्यारोप के बीच यह भी ध्यान रखना होगा कि बीजिंग आएदिन दक्षिण चीन सागर पर अपनी ‘ठेकेदारी’ समझते हुए दूसरे देशों को वहां से दूर रहने की ‘सलाह’ देता है। अब यह ताजा विवाद सिर्फ इन दो देशों पर ही असर नहीं डाल रहा है बल्कि अमेरिका से लेकर जापान और विएतनाम तक हलचल मची है। क्यों? यह जानने के लिए दक्षिण चीन सागर से जुड़े पक्षों को खंगालना होगा।
एक पक्ष फिलीपींस ने बीजिंग द्वारा जारी उक्त ताजा बयान को न सिर्फ नकारा है बल्कि उसी पर दोष लगाते हुए कहा है कि फिलिपींस के दो तटरक्षक जहाजों ने चीनी जहाजों से सबीना शोल के निकट ‘अवैध तथा आक्रामक’ टक्कर का सामना किया। फिलीपींस के ये जहाज भी पहले के जहाजों की तरह अपने अधिकार के दो टापुओं पर मोर्चा संभाले फिलिपींस के लोगों की रसद पहुंचा रहे थे।
इस घटना पर फिलिपींस का समय तक दर्ज कराते हुए साफ कहना है कि ने उसके जहाज केप एंगानो और एक चीनी तटरक्षक जहाज के बीच सोमवार की भोर में टक्कर हुई थी। इसके करीब 16 मिनट के बाद, किसी अन्य चीनी तटरक्षक जहाज ने फिलिपींस के तटरक्षक जहाज बागाके को ‘दो बार टक्कर मारी’। इस टक्कर से फिलिपींस के जहाज को हल्का सा नुकसान पहुंचा था।
उल्लेखनीय है कि फिलिपींस का जहाज सबीना शोल के इलाके में न जा सके, इसके लिए चीनी जहाज ने उसका रास्ता रोका था, उसके बाद फिलिपींस का जहाज थॉमस शोल के पास वाले जलक्षेत्र में चला गया था। ये सबीना शोल स्प्रैटली द्वीप समूह के अंदर आता है। इस शोल पर चीन के अलवा फिलिपींस, ताइवान तथा वियतनाम भी दावा करते हैं।
चीनी तटरक्षकों ने फिलिपींस के तटरक्षक जहाजों को सबीना शोल के पास वाले जलक्षेत्र में ‘अवैध घुसपैठ’ का दोषी करार दिया है। उसका यह भी कहना है कि फिलिपींस चीन को उकसाने वाली कार्रवाई बार-बार करता है, वह चीन के लिए दिक्कतें पैदा कर रहा है।
लेकिन चीन की हर तरह की घुड़कियों को धता बताते हुए फिलिपींंस ने पूरी दमदारी से कहा है कि उसके दोनों जहाज अपने क्षेत्रों में रह रहे कर्मियों को रसद पहुंचाने का अभियान जारी रखेंगे। फिलिपींस के इस दावे को पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। पश्चिम के देश इस प्रकरण में चीन पर आरोप लगा रहे हैं और उसकी भर्त्सना कर रहे हैं।
अक्खड़ बीजिंग सिर्फ इन दो शोल पर ही नहीं, बल्कि संपूर्ण दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा ठोंकता आया है। 2016 में स्थायी मध्यस्थता न्यायालय के उस फैसले को भी बीजिंग मानने को तैयार नहीं है कि इस सागर पर अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत चीन के दावे का आधार ही नहीं बनता।
दक्षिण चीन सागर में चीन की शैतानी से फिलिपींस ही नहीं, वियतनाम भी परेशान है और वह भी चीन के इस पर अपनी थानेदारी चलाने का विरोधी है। फिलिपींस और वियतनाम दक्षिण चीन सागर में आपसी सहयोग को मज़बूत करने के प्रयासों में लगे हुए हैं हालांकि इसमें कई बार व्यवधान आते रहे हैं।
यहां यह जानना जरूरी है कि दक्षिण चीन सागर पश्चिमी प्रशांत महासागर के छोर पर है। इस सागर की हदें ब्रुनेई दारुस्सलाम, मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम तथा चीन तक जाती है। यह ताइवान जलडमरूमध्य के जरिए पूर्वी चीन सागर से जुड़ा है तो लूज़ॉन जलडमरूमध्य के जरिए फिलिपींस सागर (प्रशांत महासागर के दोनों सीमांत सागर) से जुड़ा है।
दक्षिण चीन सागर एक विवादित समुद्री क्षेत्र है जो छह देशों: चीन, ब्रुनेई, ताइवान, वियतनाम, मलेशिया और फिलीपींस के बीच क्षेत्रीय विवादों का विषय है।
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