साइबर ठग हर दिन अलग-अलग तरीके अपनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। अब इन जालसाजों ने सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाकर ठगी करने का नया तरीका निकाला है। जालसाज फेसबुक और इंस्टाग्राम से लोगों का डाटा (फोटो और जानकारी) चोरी करके उन्हीं के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर उनके परिचित और दोस्तों से आसानी से पैसे ठग रहे हैं। हाल ही में ठगों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नाम का फर्जी अकाउंट बनाकर कई लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भी भेजी थी। यही नहीं साइबर अपराधी व्हाट्सएप पर भी अफसरों की फर्जी आईडी बनाकर ठगी के प्रयास कर रहे हैं। कुछ दिन पहले साइबर जालसाजों द्वारा मध्य प्रदेश के कलेक्टरों को निशाना बनाने का मामला सामने आया था। उन्होंने जबलपुर, धार, सिवनी, उमरिया और शहडोल के कलेक्टरों के फेक अकाउंट बनाने के बाद अलीराजपुर के कलेक्टर का फेक व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर लोगों से ठगी की थी। आपके साथ भी ऐसा न हो इसके लिए आपका जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है।
सोशल मीडिया पर अपनी जानकारी देने से बचें
वर्तमान में साइबर जालसाज बड़ी ही तेजी से एक्टिव हो रहे हैं। हर दूसरा व्यक्ति इन ठगों का शिकार हो रहा है। ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना फोन नंबर, निजी फोटो और व्यक्तिगत जानकारी देने से बचें। अपनी प्रोफाइल पर लॉक लगाएं। ठग ज्यादातर उन्हीं लोगों को अपना शिकार बनाते हैं, जिनकी फेसबुक और इंस्टाग्राम प्रोफाइल लॉक नहीं होती है। इसमें ऑफिसर, डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और अन्य रसूखदार लोग शामिल होते हैं। इसके माध्यम से वे उनका फोन नंबर, उनके परिवार, दोस्तों की जानकारी एकत्रित कर लेते हैं। इसके बाद ठग इनकी फोटो और फोन नंबर का इस्तेमाल कर फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फर्जी अकाउंट बनाकर इनके रिश्तेदारों और दोस्तों को मैसेज भेजकर जरूरी काम के नाम पर पैसे मांगते हैं। ऐसे में रिश्तेदार और दोस्त इन ठगों के जाल में फंस जाते हैं और बिना कोई जांच पड़ताल किए वे इन्हें बड़ी रकम ऑनलाइन भेज देते हैं। लेकिन बाद में उन्हें इसका पता चलता है कि जिनको उन्होंने पैसे दिए वे ठग थे। ऐसे में आप सर्तक और जागरूक रहें। जो भी दोस्त या रिश्तेदार बनकर आपसे पैसे मांगे, पहले उसकी पुष्टि करें। फोन करके अपने दोस्त से पूछे कि क्या उसने यह मैसेज उसे सोशल मीडिया पर किया है। अगर हां, तभी उसकी मदद करें। नहीं तो जल्द से जल्द साइबर सेल में इसकी रिपोर्ट करें।
लोकप्रिय होने से ज्यादा जरूरी आपकी सुरक्षा
आजकल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग लोग पैसा कमाने और फेमस होने के लिए ज्यादा कर रहे हैं। इस दौरान ज्यादा से ज्यादा] लाइक, व्यूज और सब्सक्राइबर बढ़ाने के लिए अधिकतर लोग अपनी प्रोफाइल पर लॉक नहीं लगाते हैं। वे यहां अपनी प्रतिदिन की गतिविधि साझा करते हैं। सुबह सोने से लेकर रात के जागने तक उन्होंने क्या-क्या किया ये सब अपने फॉलोवर्स के साथ साझा करते हैं। रील्स बनाकर यह बताते हैं कि इस समय वे कहां पर हैं और क्या कर रहे हैं। इसका फायदा उठाकर साइबर अपराधी ठगी को अंजाम देते है। वे फेसबुक और इंस्टाग्राम से आपकी फोटो और वीडियो निकालकर फेक अकाउंट बनाते हैं। वहीं डीपफेक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल भी करते हैं। ऐसे में आप सोशल मीडिया पर अपनी कम से कम और जरूरी जानकारी ही साझा करें।
ऐसे करें पहचान
फेक अकाउंट में तस्वीर किसी अन्य व्यक्ति की होती है, लेकिन व्यक्ति की जानकारी नहीं होती। इनकी जानकारी और विवरण भी किसी और का हो सकता है। ये बड़ी संख्या में लोगों को फॉलो करते हैं, लेकिन इनके फॉलोअर्स कम या शून्य होंगे। इनकी पोस्ट भी ज्यादा नहीं होती। अगर ये कुछ पोस्ट भी करते हैं, तो उस पर लाइक और कमेंट भी नहीं आते हैं। ऐसे में गूगल इमेज सर्च टूल से प्रोफाइल पर लगी तस्वीर को स्कैन करें। अगर प्रोफाइल फोटो नकली होगी तो इससे पता चल जाएगा कि ये तस्वीर कहां से ली गई है।
झांसे में न आएं
कई बार मैसेज पर बातचीत के दौरान व्यक्ति आपको घर बैठे पैसे कमाने का लालच दे सकता है। वह कोई ऐसा लिंक भेज सकता है, जिस पर आपको क्लिक करने के लिए कहेगा। ऐसे में सावधान हो जाएं। बातचीत के दौरान व्यक्ति कुछ असामान्य बातें कर सकता है, जैसे कि आप मुझे बहुत पसंद हैं, क्या आप मुझसे मिल सकते हैं। ऐसे में आप उसे तुरंत वीडियो कॉल करें। इससे आपको पता चल जाएगा कि वास्तव में वह व्यक्ति कौन है। साथ ही बात करते वक्त कोई भी जानकारी साझा न करें।
फेक प्रोफाइल को तुरंत ब्लॉक करें
फेक प्रोफाइल को फ्रेंड और फॉलोअर्स की लिस्ट से तुरंत हटा दें। इसके बाद उस प्रोफाइल की रिपोर्ट करके उसे ब्लॉक कर दें। ताकि वह नाम बदलकर आपको फिर से रिक्वेस्ट न भेज सके।
ध्यान दें कि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फर्जी अकाउंट बनाकर ठग कई लोगों से पैसे वसूल चुके हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक रहना होगा और इस तरह कोई किसी के नाम पर मदद या रकम की मांग करें तो पहले उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर लें। तभी उसकी मदद करें। साइबर अपराध के बारे में रिपोर्ट करने के लिए गृह मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। आप 1930 नंबर पर कॉल कर सकते हैं। साथ ही नजदीकी पुलिस थाने में ठगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते है।
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