उदयपुर, (हि.स.)। राजस्थान के उदयपुर में 10वीं के होनहार छात्र देवराज मोची को मंगलवार सुबह शहर ने नम आंखों से विदाई दी। 16 अगस्त को स्कूल में इंटरवल के दौरान मुस्लिम सहपाठी ने उस पर चाकू से हमला किया था। राखी पर सोमवार अपराह्न उसकी मौत हो गई। प्रशासन ने रात को ही अंत्येष्टि कराने का दबाव बनाया लेकिन हिन्दू संगठनों के विरोध के चलते अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह करने पर सहमति बनी। आज सुबह अंतिम संस्कार में भारी भीड़ रही।
16 अगस्त को वारदात के बाद से ही शहर में माहौल तनावपूर्ण था। लोग आज भी इस बात पर हैरान हैं कि क्या होमवर्क जैसे मामूली विवाद पर आरोपित छात्र कपासन से चाकू खरीद भी लाया और उसने देवराज को घायल भी कर दिया। वार भी जांघ पर ऐसी जगह किया गया कि देवराज का सारा खून कुछ ही देर में बह गया। इसी के चलते लगातार शहर में अफवाह का दौर चलता रहा। हाथीपोल, अश्विनी बाजार, सिंधी बाजार, मुखर्जी चौक, मोती चौहट्टा रह-रह कर खुलते और बन्द होते रहे।
देवराज का अंतिम संस्कार मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच किया गया। पिता पप्पू व चचेरे भाई ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान लोगों ने ‘देवराज अमर रहे’ के नारे भी लगाए। इससे पहले तड़के साढ़े चार बच्चे के शव को परिवार को सौंपा गया। करीब सात बजे मृतक के घर से अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
देवराज के नाम हो स्कूल, पूरे स्टाफ को निलम्बित करने की उठी बात
यह बात भी सामने आई है कि घायल होने के बाद देवराज को प्रिंसिपल की स्कूटी पर अन्य छात्र ही अस्पताल ले गए, जबकि पहले ही दिन से शिक्षा विभाग यह कह रहा था कि स्कूल का स्टाफ साथ गया। अस्पताल के रिकॉर्ड से यह खुलासा होने के बाद से स्कूल स्टाफ के प्रति भी लोगों की नाराजगी बढ़ी है। लोगों ने पूरे स्टाफ को निलम्बित करने की मांग रखी है जिससे आगे के लिए शिक्षकों को सबक मिले कि वे ऐसे मामलों को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं और अपने बचाव में झूठ कैसे बोल सकते हैं।
भाजपा आपदा राहत प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. जिनेन्द्र शास्त्री ने आईजी व जिला कलक्टर से यह मांग करते हुए सरकार से भी आग्रह किया है कि भट्टियानी चौहट्टा सरकारी स्कूल का नाम देवराज के नाम पर किया जाए। उन्होंने राज्य स्तर पर एक खेल प्रतियोगिता देवराज के नाम पर करने की मांग की। उन्होंने बताया कि देवराज होनहार छात्र था और उसने हाल ही जगन्नाथ रथयात्रा में राम का रूप धरा था। वह सनातनी छात्र था और नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करता था।
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