धर्म-संस्कृति

भारत की पहचान उसका अद्वितीय आध्यात्मिक दृष्टिकोण है – डॉ. मनमोहन वैद्य जी

आध्यात्मिक लोकतंत्र भारत का मूल विषय है। भारतीय जीवन दर्शन पाश्चात्य इज्म या वाद को नकारता है। राष्ट्रीय होना गुणात्मक है।

Published by
WEB DESK

श्रीनगर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. मनमोहन वैद्य ने बृहस्पतिवार को 78वें स्वतंत्रता दिवस पर श्रीनगर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। वह कश्मीर के प्रवास पर थे।

उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति गंगा है, जिसमें परोपकार है, यह सबको स्वीकार करती है। आध्यात्मिक लोकतंत्र भारत का मूल विषय है। भारतीय जीवन दर्शन पाश्चात्य इज्म या वाद को नकारता है। राष्ट्रीय होना गुणात्मक है। भारत में राष्ट्र की अवधारणा समाज आधारित है।

उन्होंने कहा कि भारत की पहचान इसका अद्वितीय आध्यात्मिक दृष्टिकोण है। भारत पीढ़ियों से उद्योग प्रधान समाज रहा है। कौशल के शिक्षण केंद्र भारत के घर थे, जहां ज्ञान पीढ़ी दर पीढ़ी सहेजा गया। भारत ने विश्व पटल पर सर्वसमावेशक, बौद्धिक और प्रगतिशील दृष्टिकोण से अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान निर्मित की है।

श्री वैद्य ने तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान के बाद सुरक्षा कर्मियों को मिठाई भेंट कर उन्हें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री मुस्तफा अली, अभाविप श्रीनगर महानगर अध्यक्ष आरिफ शफी और अभाविप श्रीनगर महानगर की मंत्री अंजुम साकिब आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।

Share
Leave a Comment