कर्नाटक स्थित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) में जमीन घोटाले के मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा मुकदमा चलाने की मंजूरी देते ही कांग्रेस बौखला गई है। वह राज्यपाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर उतर आई है। इसी क्रम में कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने आज से राज्यवापी विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा है कि कांग्रेस प्रदेश के हर जिले में जोरदार प्रदर्शन करेगी। इसके तहत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में रैलियां आयोजित की जाएंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर लगे आरोपों को गलत ठहराते हुए कहा है कि वो कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। इस बीच राज्यपाल के कदम के बाद आनन-फानन में 22 अगस्त को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया विधायक दल की बैठक को बुला लिया है।
सूत्रों के हवाले से ऐसा दावा किया जा रहा है कि विधायक दल की बैठक के दौरान सीएम विधायकों को कथित तथ्यों के बारे में जानकारी देंगे। कर्नाटक सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खरगे का कहना है कि राज्यपाल की भूमिका को लेकर बहुत हंगामा हो रहा है, जिस कारण से हम लोगों ने विधायक दलों की बैठक बुलाई है। MUDA मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि सिद्धारमैया के वकील कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी औऱ कपिल सिब्बल होंगे। ये दोनों नेता आज बेंगलुरू की यात्रा पर आ रहे हैं।
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क्या है MUDA भ्रष्टाचार
गौरतलब है कि मुडा जो है प्रदेश स्तरीय डेवलपमेंट एजेंसी है, जो कि शहरी और गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे का विकास करना है। 50:50 नाम की इस योजना में जो भी लोग अपनी जमीन को खो दिए थे, जिन्हें विकसित भूमि के 50 फीसदी जमीन के हकदार होते थे। 2020 में ही इस योजना को भाजपा के कार्यकाल के दौरान बंद कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि इस योजना को 2009 में ही लागू किया गया था।
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